Friday   Aug 15th   2025  
Web  hindi.cri.cn
संडे की मस्ती 2015-10-04
2015-09-30 14:32:06 cri

संतोष के अंतिम संस्कार के लिए सामग्री का इंतजाम होने के बाद समस्या थी कि मुखाग्नि कौन दे। संतोष का कोई बेटा नहीं था। रिश्तेदार भी मौजूद नहीं थे। इसलिए रज्जाक ने खुद अपने दोस्त को मुखाग्नि देने का फैसला किया। गंज स्थित मोक्षधाम में हिंदू रीति-रिवाज से संतोष को रज्जाक ने मुखाग्नि देकर दोस्ती का फर्ज निभाया।

रज्जाक का कहना है कि उसकी और संतोष की दोस्ती किसी धर्म पर टिकी नहीं थी, लिहाजा उसने तो उसे मुखाग्नि देकर दोस्ती का धर्म निभाया है। वह श्राद्धकर्म भी हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक करेगा।

जनआस्था के संस्थापक संजय शुक्ला ने बताया कि लावारिस शवों और गरीबों के अंतिम संस्कार में सहयोग करने वाली उनकी संस्था ने संतोष के अंतिम संस्कार में सहयोग कर अपनी जिम्मेदारी निभाई है। शुक्ला ने कहा कि रज्जाक ने संतोष का अंतिम संस्कार कर जाति-धर्म के बंधनों की परवाह किए बगैर दोस्ती की मिसाल कायम की है। वह सच्चा इंसान है।

यांग- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15
आपके विचार (0 टिप्पणियां)
कोई टिप्पणी नहीं
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040