अखिल- दोस्तों, आज के अंक में सिर्फ 5 ही तरीके बताए जाएंगे, बाकि के 5 तरीके अगले अंक में बताए जाएंगे।
यांग- चलिए दोस्तों, अब हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है आसान तरीका।
अखिल- दोस्तों, एक बार मोहन काका अपनी बैल गाड़ी पर अनाज की एक बोरी चढ़ाने की कोशिश कर रहे थे। बोरी काफी वजनी थी इसलिए उन्हें कुछ दिक्कत हो रही थी; तभी एक राहगीर उनके पास आया और बोला, "आप जिस तरीके से बोरी चढ़ा रहे हैं वो गलत है… मेरे पास एक आसान तरीका है…"
यह सुन काका कुछ क्रोधित हो उठे और बोले, "भाई तुम अपना काम करो, मैं इससे भी भारी बोरी चढ़ा चुका हूँ…"
"यानि पहले भी आपने गलत तरीका इस्तेमाल किया होगा।"राहगीर बोला।
यह सुन काका ने बोरी छोड़ी, अपने हाथ झाड़े और बोले,"तुम नौजवानो की यही समस्या है, थोड़ा पढ़-लिख लेते हो तो खुद को बहुत होशियार समझने लगते हो…. ये नहीं जानते की हम सालों से यही काम कर रहे हैं… चले आते हो अपनी बुद्धि लगाने।"
राहगीर उनकी बात पर मुस्कुराया,"आपकी मर्जी, मैं तो आपके भले की बात कर रहा था।" और ये कहकर राहगीर जाने लगा।
काका को लगा क्यों न उसकी बात सुन ही ली जाए, अगर ठीक हुई तो सही नहीं तो जैसे काम होता आया है वैसे ही होता रहेगा।
"सुनो लड़के ! बताओ तुम कौन सा तरीका बता रहे थे।", काका बोले।
राहगीर फ़ौरन उनके पास आया और इशारे से उन्हें बोरी के दूसरी तरफ जाने को कहा।
"चलिए, अब आप उधर से पकड़िए और मैं इधर से पकड़ता हूँ… दोनों मिलकर उठाते हैं…" राहगीर बोला, और फ़ौरन बोरी बैलगाड़ी पर जा पहुंची।
काका मुस्कुराये, आज एक अनजान राहगीर ने उन्हें एक बड़ी सीख दे दी थी।
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