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संडे की मस्ती 2015-09-20
2015-09-23 15:49:23 cri

लिली- चलिए दोस्तों, आपको बताती हूं कि एक शख्स के कान में से निकले 1 नहीं बल्कि 26 कॉकरोच

दोस्तों, हमारे शरीर में यदि कोई तकलीफ होती है तो हम बेचैन हो जाते हैं और यदि तकलीफ कोई ऐसी हो जिसे सहना मुश्किल हो तो हमें अस्पताल जाना ही पड़ता है.

चीन के भी एक अस्पताल में ऐसा ही वाक्या सामने आया है जहां एक लड़के के कान में 26 कॉकरोचों ने डेरा जमा रखा था. चीन के बीजिंग शहर में एक 19 साल के ली नाम के लड़के के कान में पूरे 26 कॉकरोच ने घर बना लिया था.

खबर के मुताबिक, ली को अचानक से रात में सोते वक्त कान में बेतहाशा दर्द हुआ जिसकी वजह से उसे तुरंत डॉक्टर के पास लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसके कान का एक्स-रे किया जिसमें उसके कान में कुछ रेंगती हुई चीज देखी गई जिसके लिए डॉक्टरों ने उसका तत्काल ऑप्रेशन करने का फैसला किया और ऑप्रेशन के दौरान डॉक्टरों को पता चला की ली के कान में 26 कॉकरोच हैं.

जो कि धीरे-धीरे कान के हिस्से को नुकसान पहुंचा रहे थे, डॉक्टरों का अनुमान है कि अंडे देने से पहले ही मादा कॉकरोच ली के कान में चली गई थी जहां उसने 25 बेबी कॉकरोच को जन्म दे दिया.

फिलहाल ली की सर्जरी हो चुकी है और वो पूरी तरह से ठीक है. डॉक्टरों ने कहा है कि ली सही वक्त पर अस्पताल आ गया था इसलिए उसे बचाया जा सका वरना कुछ भी हो सकता था.

लिली- तो दोस्तों, यह था हमारा अजीबोगरीब और चटपटी बातों का सेगमेंट, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

लिली- चलिए दोस्तों, हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है गुलाम की सीख

अखिल- दोस्तों, दास प्रथा के दिनों में एक मालिक के पास अनेकों गुलाम हुआ करते थे। उन्हीं में से एक था लुक़मान। लुक़मान था तो सिर्फ एक गुलाम लेकिन वह बड़ा ही चतुर और बुद्धिमान था। उसकी ख्याति दूर दराज़ के इलाकों में फैलने लगी थी।

एक दिन इस बात की खबर उसके मालिक को लगी, मालिक ने लुक़मान को बुलाया और कहा- सुनते हैं, कि तुम बहुत बुद्धिमान हो। मैं तुम्हारी बुद्धिमानी की परीक्षा लेना चाहता हूँ। अगर तुम इम्तिहान में पास हो गए तो तुम्हें गुलामी से छुट्टी दे दी जाएगी। अच्छा जाओ, एक मरे हुए बकरे को काटो और उसका जो हिस्सा बढ़िया हो, उसे ले आओ।

लुक़मान ने आदेश का पालन किया और मरे हुए बकरे की जीभ लाकर मालिक के सामने रख दी। कारण पूछने पर कि जीभ ही क्यों लाया ! लुक़मान ने कहा- अगर शरीर में जीभ अच्छी हो तो सब कुछ अच्छा-ही-अच्छा होता है।

मालिक ने आदेश देते हुए कहा- "अच्छा! इसे उठा ले जाओ और अब बकरे का जो हिस्सा बुरा हो उसे ले आओ।" लुक़मान बाहर गया, लेकिन थोड़ी ही देर में उसने उसी जीभ को लाकर मालिक के सामने फिर रख दिया। फिर से कारण पूछने पर लुक़मान ने कहा- "अगर शरीर में जीभ अच्छी नहीं तो सब बुरा-ही-बुरा है। "

उसने आगे कहते हुए कहा- "मालिक! वाणी तो सभी के पास जन्मजात होती है, परन्तु बोलना किसी-किसी को ही आता है…क्या बोलें? कैसे शब्द बोलें, कब बोलें.. इस एक कला को बहुत ही कम लोग जानते हैं। एक बात से प्रेम झरता है और दूसरी बात से झगड़ा होता है।

कड़वी बातों ने संसार में न जाने कितने झगड़े पैदा किये हैं। इस जीभ ने ही दुनिया में बड़े-बड़े कहर ढाये हैं।जीभ तीन इंच का वो हथियार है जिससे कोई छः फिट के आदमी को भी मार सकता है तो कोई मरते हुए इंसान में भी प्राण फूंक सकता है । संसार के सभी प्राणियों में वाणी का वरदान मात्र मानव को ही मिला है। उसके सदुपयोग से स्वर्ग पृथ्वी पर उतर सकता है और दुरूपयोग से स्वर्ग भी नरक में परिणत हो सकता है। भारत के विनाशकारी महाभारत का युद्ध वाणी के गलत प्रयोग का ही परिणाम था। "

मालिक, लुक़मान की बुद्धिमानी और चतुराई भरी बातों को सुनकर बहुत खुश हुए ; आज उनके गुलाम ने उन्हें एक बहुत बड़ी सीख दी थी और उन्होंने उसे आजाद कर दिया।

दोस्तों, मधुर वाणी एक वरदान है जो हमें लोकप्रिय बनाती है वहीँ कर्कश या तीखी बोली हमें अपयश दिलाती है और हमारी प्रतिष्ठा को कम करती है। आपकी वाणी कैसी है ? यदि वो तीखी है या सामान्य भी है तो उसे मीठा बनाने का प्रयास करिये। आपकी वाणी आपके व्यत्कित्व का प्रतिबिम्ब है , उसे अच्छा होना ही चाहिए।

लिली- चलिए, अभी हम आपको महाभारत धारावाहिक में भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख सुनवाते हैं, जो हमारे हर प्रोग्राम में जारी रहता है। आइए.. सुनते हैं

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