भावसर के परेश कुमार जयंतिलाल और भूपेंद्र जे. प्रजापति
हाल के वर्षों में चीन-भारत संबंध लगातार बेहतर होने के चलते तिब्बत में पवित्र पर्वत और झील की तीर्थयात्रा करने आए भारतीय श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बार भारतीय सरकार द्वारा गठित श्रद्धालुओं के 9वें बैच के प्रमुख स्वामी नाथन ने स्थानीय लोगों द्वारा भारतीय श्रद्धालुओं के लिए प्रदत्त सुविधापूर्ण सेवा के प्रति संतुष्टि जताई। उन्होंने कहा:
"रास्ते में मैंने देखा कि कई बुनियादी संस्थापनों का निर्माण किया जा रहा है। निकट भविष्य में हमारे श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा के दौरान अधिक सुविधा मिलेगी। यहां मैं चीन सरकार द्वारा किये गए बढ़िया व्यवस्था का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ। आभार है कि चीन और भारत ने तीर्थयात्रा के लिए सदिच्छापूर्ण सहयोग किया। मैं खुद इस तीर्थयात्रा को बहुत मूल्यवान समझता हूँ।"
भारतीय श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ने के चलते पुरांग कांउटी, आली प्रिफेक्चर, यहां तक कि पूरे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के आर्थिक विकास और भारत के बीच आदान प्रदान पर सक्रिय असर हुआ है। मानसरोवर झील और कैलाश पर्वत समुद्री सतह से 4700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। जहां प्राकृतिक और भौगोलिक स्थिति कठोर है। स्थानीय तिब्बती लोग भारतीय श्रद्धालुओं की सुविधापूर्ण तीर्थयात्रा के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करते हैं। वे भारत और दूसरे देश से आए श्रद्धालुओं के लिए परिवहन और खानपान की सेवा प्रदान करते हैं।
पवित्र पर्वत कैलाश की तलहटी में स्थित कांग्सा गांव में गांव वासियों ने याक परिवहन दल की स्थापना की है। इन लोगों की मुलाकात स्वामी नाथन के नेतृत्व वाले तीर्थयात्रा टीम से हुई। वे भारतीय श्रद्धालुओं की सेवा में व्यस्त हैं। स्थानीय तिब्बती गांववासी इन यात्रियों के लिए याक या घोड़ा परिवहन मुहैया करवाते हैं, या कुली की पीठ पर सामान लादने की सेवा प्रदान की जाती है। इस याक परिवहन दल के प्रमुख तिब्बती बंधु निमा ईसी डोर्ची ने गर्व के साथ हमारे संवाददाता को बताया कि पिछले वर्ष कांग्सा गांव में याक परिवहन दल में प्रति सदस्य ने 8500 युआन से अधिक अतिरिक्त आय प्राप्त की। निमा ईशी डोर्ची ने कहा:
"याक परिवहन दल की स्थापना से हमारे गांववासियों की आय में बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। अब जीवन पहले से बहुत बेहतर हो रहा है। जो पहले की तुलना में जमीन आसमान का परिवर्तन आया है। हमारा परिवहन दल पर्यटक, खास कर यहां तीर्थयात्रा करने आए भारतीय यात्रियों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली सेवा करते हैं। पिछले वर्षों में पर्यटकों की सेवा के दौरान कोई दुर्घटना नहीं हुई। हमें लगता है कि हम चीन-भारत मैत्री के लिए किसी न किसी तरह का योगदान कर रहे हैं।"