पालू ने कहा, सुश्री काए एक बहुत साहसी व्यक्ति है। वे गंभीरता से काम करती हैं। अब यहां काम करने वाली सभी गांववासी हर महीने में 2700 से 3000 युआन तक की आय प्राप्त करती हैं। लेकिन इससे पहले हमारे लिये पैसे कमाने के लिये बाहर जाना बहुत मुश्किल था। पर सुश्री काए की मदद से हम न सिर्फ़ पैसे कमा सकती हैं, बल्कि हमारी जाति की परंपरा का विकास भी हो रहा है।
चिनबा गांव ने भी काए होंग रेई पर गहरी छाप छोड़ी। चिनबा गांव पहाड़ पर स्थित है। यहां के मकान, शूकरशाला, और हर घर के बाड़े प्राकृतिक पर्यावरण से मिलते जुलते हैं, जो बहुत सुन्दर हैं। उनके विचार में सुन्दरता के प्रति यहां के लोगों के मन में ज़रूर अपनी समझ मौजूद है। इसके अलावा साधारण जीवन में गांववासी शांति और आराम से बिताते हैं। यहां की महिलाओं के साथ सहयोग करके तिब्बती टेक्सटाईल कला के विकास की संभावना है।
काए होंग रेई ने कहा कि, मैंने सचिव पालू के पास जाकर कहा कि दीदी, क्या यहां की महिलाएं कताई-बुनाई कर सकती हैं?उन्होंने जवाब दिया कि जी हां। पर हम केवल तिब्बती शैली के कपड़ों की बुनाई कर सकती हैं। तो मैंने कहा कि मैं आप लोगों को कुछ ऊनी धागे दूंगी, और आप लोग अपनी इच्छा से बुनाई कर सकती हैं। इसके बाद हमने ऐसा ही किया। जब मैंने उनके उत्पादों को देखा, तो मैं हैरान हो गई। मुझे लगता है कि वे इतने खूबसूरत हैं।
चिनबा गांव कार्यशाला तिब्बत के लीनची परंपरागत कला और संस्कृति के विकास के कार्यक्रम का एक हिस्सा है। और काए होंग रेई इस कार्यक्रम के डिज़ाइनर हैं। वर्ष 2012 में लीनची में इस कार्यक्रम को शुरू किया गया। गैर भौतिक सांस्कृतिक अवशेषों की रक्षा के साथ इसका विकास और प्रयोग भी किया जाता है। इस कार्यक्रम में चिनबा गांव की तिब्बती टेक्सटाइल कला कार्यशाला, फंगरेनछूडे मंदिर की तिब्बती धूप कार्यशाला, लांग काऊंटी की चिनतुङ तिब्बती कागज़ कार्यशाला समेत छह मुद्दे शामिल हैं और विभिन्न मुद्दों के विकास के लिये अपनी अपनी दिशा होती है।
पिछली शताब्दी के 90 के दशक में बंद हुआ लीनची टेक्सटाइल कारखाना भी इस अवसर से लाभ उठाकर फिर एक बार खुल गया है। पहले का कारखाना आधुनिक कला के माहौल में एक प्रदर्शनी भवन बन गया है। यहां कलाकारों द्वारा बनायी गयी वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाता है। स्थानीय सरकार ने टेक्सटाइल कारखाने की फिर से शुरूआत के लिये पूंजी-निवेश भी किया है। छन चीह्वा लीनची टेक्सटाइल कारखाने के प्रधान हैं। जब उन्होंने पहली बार काए होंगरेई को देखा, तो उन्होंने सोचा था कि वे केवल एक पर्यटक हैं। पर बाद में आदान-प्रदान के दौरान वे काए होंग रेई की व्यावसायिक भावना, गंभीरता और ज़िद पर प्रभावित हुए।
छन ने कहा, सुश्री काए के आग्रह बहुत सख्त है। उन्होंने कहा कि अगर आप यह करना चाहते, तो प्रथम स्तर पर करना पड़ेगा, दूसरे स्थान को भी छोड़ें। ऐसे करके आप की वस्तुएं मूल्यवान होगी। उनका विचार यह है कि लगातार सृजन करें, ताकि अन्य लोग आपसे आगे नहीं बढ़ सकें।