कानची तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर की ताओफ़ू कांउटी में स्थित ताओफ़ू वृद्ध आश्रम
वास्तव में ताओफ़ू कांउटी में श्याओ रेअतंग बहुत प्रसिद्ध शख्स हैं। वृद्ध आश्रम के प्रधान के रूप में वे यहां रहने वाले सभी बुजुर्गों की अच्छी तरह देखभाल करते हैं। यही नहीं, पिछले 19 सालों से वे एक चीनी हान जातीय बुढ़े की देखभाल भी करते हैं। उनके बीच हान और तिब्बती जातियों में "पिता और पुत्र"की भावना से स्थानीय लोग प्रभावित हुए।
आज से 21 साल पहले 32 वर्ष की आयु में श्याओ रेअतंग ताओफ़ू कांउटी के रेडियो और टेलिवेज़न ब्यूरो में कार्यरत थे। एक बार वे संयोग से 80 वर्षीय हान जातीय बुजुर्ग छन युआनता के पड़ोसी बने। एक दूसरे से परिचित होने के बाद श्याओ रेअतंग को पता चला कि छन का कोई रिश्तेदार नहीं है। वह आसपास के लोगों की सहायता पर निर्भर रहकर जीवन व्यतित करता है। बुढ़ा छन कभी औपचारिक खाना नहीं खाते। ऐसी स्थिति जानने के बाद श्याओ रेअतंग ने बुढ़े छन की देखभाल करने का फैसला किया। उन्होंने बुढ़े छन से कहा, "मैं तुम्हारी देखभाल करूंगा।"