साइखांग पुलिस स्टेशन में कार्यरत महिला पुलिसकर्मी रनछिंग पात्सोंग
साइखांग पुलिस सेवा स्टेशन के भीतर दीवार पर"जनता के पुलिसकर्मी जनता की सेवा करते हैं"के शब्दों से लिखे हुए एक लाल झंडा रखा जाता है। महिला पुलिसकर्मी रनछिंग पात्सोंग ने इस बारे में कहानी सुनाते हुए कहा:
"एक बार एक दादी मां हाथ में बैंड-कार्ड लिए मदद मांगने हमारे स्टेशन आईं। कार्ड में उसकी पेंशन बीमा भत्ता और सरकारी सहायता राशि है। दादी मां इस बैंड-कार्ड का प्रयोग नहीं कर पाती। लेकिन उसे जल्दी ही पैसे की आवश्यकता है। हमने स्टेशन के बाहर उसे बहुत चिंतित देखा। हमारे प्रमुख ने दादी मां को स्टेशन के अंदर बुलाया। बातचीत के दौरान हमें मालूम हुआ कि दादी मां अकेली हैं। घर में कोई दूसरे परिजन नहीं रहते हैं। उसकी जीवन स्थिति भी अच्छी नहीं रही। प्रति माह उसे 500 युआन की सरकारी भत्ता मिलता है। हमारे प्रमुख ने दादी मां को मदद देते हुए बैंक से कार्ड में बचाए पैसे निकाले और उसे घर वापस लौटाया। फिर प्रमुख ने दादी मां की घर की स्थिति जानी। उन्होंने देखा कि दादी मां अकेली रहती हैं और उसकी जीवन स्थिति अच्छी नहीं है। बाद में हमने दादी मां को स्टेशन द्वारा विशेष मदद देने वालों की नामसूची में शामिल किया। स्टेशन के पुलिसकर्मी कभी-कभी दादी मां के घर जाकर उसकी देखभाल करते हैं। पिछले वर्ष अगस्त माह में पुलिसकर्मी दादी मां को देखने उसके घर गये। उस समय वह बीमार हुई और शारीरिक स्थिति बहुत खराब थी। फिर हमने दादी मां को जनरल सैन्य अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए भेजवाया। अस्पताल के प्रधान ने दादी मां की घर की स्थिति जानने के बाद उसकी निःशुल्क जांच करने को कहा। जांच किये जाने के बाद दादी मां इलाज के लिए अस्पताल में ठहरी थीं। अब उसकी स्थिति ठीक हो गई है।"