वृद्ध आश्रम में वृद्धों की सेवा करने वाली कर्मचारी त्सेवांग देची
हरेक वृद्ध स्वस्थ रहे और सुखी रहे। चिनये वृद्ध आश्रम में सेवा करने वाले सभी कर्मचारियों की यही कामना है। त्सेवांग देची इस आश्रम में छह साल से काम कर रही हैं। हर दिन सुबह वे वृद्ध लोगों की शारीरिक स्थिति की जांच करती है और उनसे पूछती हैं कि वे क्या चाहते हैं। वृद्धों की देखभाल के लिए त्सेवांग देची को रात के वक्त भी आश्रम में काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वे हरेक बुजुर्ग को अपने परिवार का सदस्य मानती है। उनका कहना है:
"हर सप्ताह मैं उनके साथ पार्क में घूमती हूँ। वे अपने युवावस्था की कहानी मुझे सुनाते हैं। कुछ लोगों ने कहा कि वे बहुत सी बातें कहना चाहते हैं। लेकिन इसे सुनने वाला कोई नहीं है। इस तरह मैं बहुत ध्यान से उनकी बातें सुनती हूँ। इससे वे खुश होते हैं। यहां रहने वाले वृद्धों के अपने कोई बच्चे नहीं है। हम उनसे कहते हैं कि हम उनके बच्चे ही हैं। आप लोग आराम से शांति से यहां रहें।"
बुजुर्ग चिनये वृद्ध आश्रम में सुखी जीवन बिता रहे हैं। इस वर्ष 57 वर्षीय च्यामा ने कहा कि उनकी यहां अच्छी तरह देखभाल की जाती है। आश्रम में रहना उन्हें अच्छा लगता है। च्यामा ने कहा:
"इस आश्रम में कार्यरत कर्मचारी कभी कभार हमारी सहायता करते हैं। कुछ वृद्ध गंभीर रूप से बीमार हुए, तो वे उनके कपड़े धोते हैं, बाल धोते हैं और बाल कटवाते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में वे हम जैसे वृद्धों की बहुत ध्यान से देखभाल करते हैं। यहां रहना मुझे अच्छा लगता है। मुझे अपने जीवन कोई पछतावा नहीं है।"
"वृद्धावस्था सुख"प्राचीन काल से आज तक विभिन्न समाज की लगातार खोज है। वर्तमान चीन में बुर्जुर्गों की संख्या लगातार बढ़ रही है और देश में बुढ़ेपन की संथिति गंभीर हो रही है। चिनये वृद्ध आश्रम प्रेम से भरा हुआ स्थान है, जहां सच्चे माइने में"वृद्धावस्था सुख"साकार हुआ। यहां रहने वाले वृद्ध लोगों के जीवन में एक नया द्वार खुल गया है।