वृद्ध आश्रम की प्रधान तानचङ च्वोमा
कोंगसांग और आवांग की तरह चिनये वृद्ध आश्राम में और 120 अधेड़ उम्र के लोग रहते हैं। जिनके न तो बच्चे हैं और न ही कोई रिश्तेदार। इस आश्रम में वे निःशुल्क खाते हैं, रहते हैं, चिकित्सा सेवा का लाभ उठाते हैं। मृत्यु के बाद भी सरकार उनके अंतिम संस्कार आदि की जिम्मेदारी उठाती है। वृद्ध आश्रम की प्रधान तानचंग च्वोमा ने कहा कि इस आश्रम की स्थापना वर्ष 2009 में हुई, शुरू में महज 45 लोग यहां रहते थे। अधिक अनुदान मिलने के बाद अब वृद्ध आश्रम की स्थिति पहले से कहीं अच्छी हो गई है। आश्रम में बुजुर्गों के रहने के मकानों के अलावा मिश्रित कार्यक्रम केंद्र, कैंटींग, चिकित्सा सेवा हाउस, स्वास्थ्य बहाली और मालिश के लिए रूम आदि उपलब्ध हैं। हरेक मकान में कलर टीवी, बाथरूम और रसोई घर होने से वृद्ध लोगों को सुविधा मिलती है। प्रधान तानचङ च्वोमा ने कहा कि इस आश्रम में वृद्ध लोगों की खूब देखभाल की जाती है। उन्होंने कहा:
"28 मार्च को दस लाख भूदासों का मुक्ति दिवस, छोंगयांग वृद्ध दिवस, तिब्बती पंचांग के श्वेतुन उत्सव, 8 मार्च महिला दिवस, तिब्बती पंचांग का नव वर्ष, चीनी पारंपरिक पंचाग का नए साल जैसे त्योहारों के वक्त हमारे आश्रम में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वैसे आमतौर पर छोटे कार्यक्रम होते हैं। वे डांस करते हैं और कभी कभार सामूहिक तौर पर तिब्बती ओपेरा का मज़ा लेते हैं। सुबह बहुत जल्दी उठते हैं और आश्रम के पार्क में घूमते हैं या व्यायाम करते हैं।"