चिनये वृद्ध आश्रम में तिब्बती दंपति तिब्बती कोंगसांग और आवांग
महिला:क्या तुमने मेरा पीछा करके मुझसे प्यार का इजहार किया था?
पुरूष:हां जी, हां जी। मैंने तुम्हारा पीछा करके तुम्हें अपनी प्रेमिका बनाया था।
महिला:वास्तव में हम लोगों ने प्रेम विवाह किया था। उस समय दूसरे दस जोड़ों के लिए सामूहिक विवाह आयोजित हुआ था।
यह बातचीत तिब्बती महिला कोंगसांग और पुरुष आवांग की है। बीते समय की याद करते हुए उनके चेहरे पर सुखमय मुस्कुराहट नज़र आती है।
इस वर्ष 53 वर्षीय महिला कोंगसांग और पति आवांग तिब्बत की राजधानी ल्हासा के अधीन ताची कांउटी स्थित चिनये नामक परोपकारी वृद्ध आश्रम में रहते हैं। बचपन में ही कोंगसांग के माता-पिता का निधन हो गया था। बाद में उनके दूसरे रिश्देतारों की भी मौत हो गई। वे अकेली थाच्ये जिले में रहती थी। बुढ़ापे में स्वास्थ्य भी अच्छा नहीं है और खेती करने लायक ताकत भी नहीं थी। जिले और कांउटी की सरकारों ने उन्हें ताची कांउटी स्थित चिनये वृद्ध आश्रम में पहुंचाया। महिला कोंगसांग ने कहा कि वृद्ध आश्रम में आने के बाद उनका स्वास्थ्य अच्छा हो गया। आश्रम में आने के बाद उनकी लाइफ में बड़ा बदलाव आया। कोंगसांग और 62 वर्षीय आवांग एक-दूसरे से परिचित हो गए। कोंगसांग कभी-कभार आवांग के कपड़े धोती थी, जबकि आवांग कोंगसांग के लिए खाना ले जाते थे और बड़े काम करने में मदद देते थे। धीरे-धीरे दोनों के बीच प्रेम बढ़ता गया और उनकी शादी वृद्ध आश्रम में हुई। अब कोंगसांग और आवांग दो बेडरूम और एक लिविंग रूम के 52 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले फ्लैट में रहते हैं, वे अच्छा जीवन बिता रहे हैं।