दोस्तों, इस दुनिया में आपकी कमियां गिनाने वालों की कमी नहीं है, आपको ऐसे तमाम critics मिला जायेंगे जो आपकी काबिलियत , आपकी skills और कुछ कर पाने की ability पर doubt करेंगे , आपका मजाक उड़ाएंगे । अगर आप इन आलोचकों के डर से पीछे हट जाते हैं तो आप उन्हें जीतने देते हैं लेकिन अगर आप डटे रहते हैं , बार -बार प्रयास करते रहते हैं , खुद में improvement लाते रहते हैं तो एक दिन आप जीत जाते हैं ।
इसलिए life में आने वाले critics से कभी मुंह मत मोड़िये , उनका सामना कीजिये , उन्हें कुछ भला -बुरा मत कहिये बस चुपचाप अपने लक्ष्य का पीछा करते रहिये और एक दिन सफलता प्राप्त करके दिखाइए … यही उनके लिए आपका सबसे बड़ा जवाब होगा।
लिली- दोस्तों, हमारे एक श्रोता दोस्त डा हेमंत कुमार जी ने हमें एक शानदार किस्सा भेजा है। आइए.. सुनते हैं।
अखिल- दोस्तों, एक बार एक विदेशी महिला ने विवेकानंद से कहा- मैं आपसे शादी करना चाहती हूँ"
विवेकानंद ने पूछा- "क्यों देवी पर मैं तो ब्रह्मचारी हूँ?"
महिला ने जवाब दिया- "क्योंकि मुझे आपके जैसा ही एक पुत्र चाहिए, जो पूरी दुनिया में मेरा नाम रौशन करे और वो केवल आपसे शादी करके ही मिल सकता है मुझे"
विवेकानंद कहते हैं "मेरे पास इसका और एक उपाय है"
विदेशी महिला पूछती है- "क्या?"
विवेकानंद ने मुस्कुराते हुए कहा- "आप मुझे ही अपना पुत्र मान लीजिये और आप मेरी माँ बन जाइए ऐसे में आपको मेरे जैसा पुत्र भी मिल जाएगा और मुझे अपना ब्रह्मचर्य भी नही तोड़ना पड़ेगा"
वो महिला हैरान होकर विवेकानंद को ताकने लगी और रोने लग गयी कि ये होती है महान आत्माओ की विचारधारा ।
दोस्तों, याद रखना... "पूरे समुंद्र का पानी भी एक जहाज को नहीं डुबा सकता, जब तक पानी को जहाज अन्दर न आने दे, इसी तरह दुनिया का कोई भी नकारात्मक विचार आपको नीचे नहीं गिरा सकता, जब तक आप उसे अपने अंदर आने की अनुमति न दें।"