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    एनपीसी के वार्षिक सम्मेलन में तिब्बती महिला प्रतिनिधि ईशी च्वोका
    2015-03-12 16:20:30 cri

    तिब्बती जन प्रतिनिधि ईसी च्वोका

    अधिक मुर्गी पालने वालों की सहायता के लिए ईशी च्वोका ने अपने मुर्गी पालने की तकनीक को गांव वासियों को भी सिखाया। गांव में कुछ बुज़ुर्गों का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा नहीं है, और इस वजह से वे काम के लिए दूसरे स्थल नहीं जा सकते। ईशी च्वोका ने इन बुज़ुर्ग लोगों को अपने कारखाने में नौकरी देने के साथ ही खाने और रहने की सुविधा भी दी इसके अलावा उन्हें मुर्गी पालने की तकनीक भी सिखाई। फिर इन बुज़ुर्गों को अपने घरों को वापस भेजा। कारखाने से रवाना होने के वक्त वे बिना पैसे दिए ही चूजे और चारा ले जा सकते हैं। मुर्गी पालन के बाद वे पोल्ट्री फार्म को चूजा और चारे का पैसे वापस दे सकते हैं। बाकी आय अपने हाथ में रख सकते हैं।

    ईशी च्वोका के अनुसार वर्तमान में उनके सहयोग संघ में ऐसे 3 हज़ार मुर्गी पालने वाले परिवार भी शामिल हैं, जो हर परिवार में 50 से 100 मुर्गियों का पालन किया जाता है। यह लोग खेती का काम करने के साथ साथ तिब्बती मुर्गियों का पालन भी करते हैं। अतिरिक्त धन से उनके घर का जीवन लगातार समृद्ध हो रहा है। ईशी च्वोका ने दान के रूप में कुछ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को सहायता भी दी है। साथ ही इन विद्यार्थियों को मुर्गी पालने की तकनीक भी सिखाती हैं। ताकि ये छात्र मुर्गी पालन से अपनी पढ़ाई और अपने ज़रूरत की दूसरी वस्तुओँ के लिये धन अर्जित कर सकें।

    वर्ष 2013 में पूरा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश एच7एन9 पक्षी फ्लू से ग्रस्त था। बाज़ार में पक्षियों के दाम बड़े स्तर तक गिर गये थे। ईशी च्वोका ने बाज़ार की कीमत से अधिक दाम देकर गांव वासियों की मुर्गियों को खरीदा था। उस समय होने वाले आर्थिक नुकसान को उन्होंने खुद ही वहन किया। इसकी चर्चा करते हुए ईशी च्वोका ने कहा:

    "आम गांव वासियों की तुलना में मेरे लिये आर्थिक नुकसान उठाना ज्यादा अच्छा है। पक्षी फ्लू की स्थिति में आम नागरिकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। मैंने उनके द्वारा पाली गई मुर्गियों को खरीदा।"

    गांव वासियों को मुर्गी पालन की तकनीक सीखाने के अलावा, ईशी च्वोका गांव के सार्वजनिक कार्य के लिए भी पैसे देती हैं। पहले गांव में लाउड स्पीकर नहीं था, बैठक बुलाने के वक्त कर्मचारी को एक-एक घर जाकर सूचना देना पड़ा था। ईशी च्वोका ने 60 हज़ार युआन देकर 14 स्पीकर खरीदे और उन्हें गांव के कोने-कोने में स्थापित किए। गांव वासी इन स्पीकरों के जरिए गांव प्रबंधन कमेटी की सूचना आसानी से सुन सकते हैं और आमतौर पर इनके जरिए मधुर गीत भी सुनते हैं। पहले गांव के मीटिंग रूम में कोई कुर्सी नहीं थी। ईशी च्वोका ने अपने खर्चे से कुर्सियां खरीदीं। अपनी इन कार्रवाईयों की चर्चा करते हुए ईशी च्वोका ने कहा कि दूसरे लोगों की खुशी में ही मेरी खुशी भी है। वे गांव के छोटे बड़े कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। उन्होंने कहा:

    "अवकाश के समय मैं कभी कभार गांव के चाय घर जाती हूँ। वहां मैंने देखा कि कुछ युवा लोग कपशप करते हैं। मैंने उनसे कहा कि युवावस्थान में अधिक कार्य करें। वे लोग मेरी बात मानते हैं।"

    ईशी च्वोका ने कभी कभार युवा लोगों से कहा कि आज देश में उदार नीति अपनायी जाती है। तुम लोग जो करना चाहते हो, वो कर सकते हो। अब बहुत अधिक युवा लोग उनकी बात मानते हुए उद्यमिता करते हैं। कुछ लोग काम के लिए उनके कारखाने में आते हैं।

    इस वर्ष ईशी च्वोका राष्ट्र स्तरीय सर्वश्रेष्ठ 10 किसानों में एक चुनी गई हैं। चीनी पंचांग के वसंत त्यौहार के पूर्व वे निमंत्रण पाकर सम्मेलन में भागीदारी के लिए पेइचिंग आईं। चीनी कृषि मंत्रालय ने उन्हें पेइचिंग के उपनगर में कुछ पशु-पक्षी पालन स्थलों का दौरा करने की व्यवस्था की। ईशी च्वोका ने पेईचिंग यात्रा को"आंखें खोलने"वाली यात्रा कहा उनका कहना:

    "मेरा पोल्ट्री फार्म तिब्बत में बड़ा है। लेकिन भीतरी इलाके के पोल्ट्री फार्म की तुलना में हमारे पोल्ट्री फार्म तो बहुत छोटे हैं। मैंने मुर्गी पालने के इतने बड़े पोल्ट्री फार्म को नहीं देखा। यहां पर पोल्ट्री फार्म में मुर्गी पालने के लिए रोबोट का प्रयोग किया जाता है। मुझे लगता है कि अभी हमें भीतरी इलाके में बहुत कुछ सीखना है।"

    पेइचिंग की यात्रा से ईशी च्वोका मुर्गी पालने पर ज्यादा सोचती हैं। तिब्बत वापस लौटने के बाद वे अपने पोल्ट्री फार्म के लिए नए उपकरण और नई तकनीक खरीदने में लगी हुई। पोल्ट्री फार्म में अंडे से चूजों के बाहर निकालने वाले नव निर्मित तीन मकानों में भीतरी इलाके से खरीदे ऑटोमेटिक उपकरणों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उत्पादों के मानकीकरण से अच्छी बिक्री होगी। इस वर्ष उनके लिए परीक्षण का कुंजीभूत साल है। उन्होंने कहा:

    "मैं अपने उत्पादों को तिब्बत के अलावा भीतरी इलाके के दूसरे क्षेत्र ही नहीं, विदेश तक पहुंचाना चाहती हूँ।"

    पेइचिंग में 12वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का तीसरा पूर्णाधिवेशन आयोजित हो रहा है। इसमें भागीदारी के लिए ईशी च्वोका मुर्गी पालने से संबंधित सुझाव लेकर हिस्सा ले रही हैं। उनके विचार में एकीकृत पशु-पक्षी बाज़ार की स्थापना तिब्बत के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उनका कहना है:

    "तिब्बत में पशु-पक्षी सौदा करने का बाज़ार बहुत जरूरी है। यहां एकीकृत बाज़ार नहीं है, जो गुणवत्ता की निगरानी और रोग निरोध जैसे क्षेत्रों में प्रबंधन में कमियां आई हैं। एकीकृत बाज़ार स्थापित करने से स्वास्थ्य, प्रबंधन, गुणवत्ता निगरानी और रोग निरोध के लिए सुविधापूर्ण है।"

    6 मार्च को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के जन प्रतनिधिमंडल के सम्मेलन में ईशी च्वोका ने भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वे क्या सोचती हैं, तो सम्मेलन में क्या कहा था। ईशी च्वोका का कहना है:

    "चाहे बड़े सम्मेलन में हों या छोटी बैठकें, मैं क्या सोचती हूँ और क्या बोलती हूँ। मैं आम तौर पर काम करने के वक्त मिले मुद्दों की चर्चा करती हूँ। न कि किसी नेता की प्रशंसा।"

    ईशी च्वोका आम जन प्रतिनिधियों में एक हैं। वे जनता का हिस्सा हैं और जनता का प्रतिनिधित्व करके जनता के लिए बोलती हैं। उन्होंने कहा कि सभी लोगों के जीवन में बेहतरी लाना उनका सपना है।


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