नये वर्ष में तिब्बती लोग पटाखे भी जलाते हैं और जौ से बनाई गई मदिरा यानी शराब और घी पीते हैं, तिब्बती ओपेरा और कई स्थानीय ओपेरा की प्रस्तुतियां पेश की जाती हैं और तिब्बती चरवाहे आग जलाकर रातभर नाचते गाते हैं। इसी दौरान तिब्बती लोगों के बीच कई लोकप्रिय प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं । नव वर्ष में तिब्बती लोग उत्साह, उल्लास और आनंद में डूब जाते हैं।
आजकल तिब्बती गायक कनगा फङछोंग देश भर में बहुत प्रसिद्ध हो चुके हैं। लोग उन्हें स्नेह से कनगा बुलाते हैं। उनका जन्म वर्ष 1981 में दक्षिण-पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत के कानची तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर की देगे कांउटी में हुआ था। उन्होंने कुछ आधुनिक विशेषता वाले गीतों की रचना की है और उन्हें गाया भी है, जो तिब्बती युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है। अच्छा, अब आप तिब्बती गायक कनगा द्वारा गाया गया《प्रेम का कबीला》नाम का गीत सुनें।
गीत के बोल कुछ इस प्रकार हैं
आकाश में गहरे बादलों में उड़ रही है चील
गा रहा हूँ मैं अपना चरवाहे का गीत
घोड़े के पीठ पर सवार हूँ मैं
अनुभव करता हूँ विशाल दुनिया का
आने जाने में स्वतंत्र है मेरा जीवन
पीछे के पर्वत की चोटी पर चढ़ रहा हूँ मैं
आकाश में बादल हाथ में लगता
यहां है पाला, प्रेम का कबीला
किस ने लिखी है वीर की कथा
मुझे प्रभावित हुआ
पीढ़ियों से याद है
प्रेम का रास्ता
जी चाहता है प्रेम का कबीला
जहां जिन्दगी भर का नशा