तिब्बती पंचाग के नववर्ष के उपलक्ष्य में मधुर गीतों का मज़ा
पहले सुनिए"गाते हैं मदिरा का गीत", जिसमें त्योहार के दिनों में तिब्बतियों की खुशियां जाहिर होती हैं। तिब्बती लोकगीत《गाते हैं मदिरा का गीत》। तिब्बती जाति के कई परम्परागत त्योहार हैं और त्योहारों को मनाने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन इसमें हमेशा मदिरा और गीत जरूरी होता है। त्योहार के दिनों में परिजनों के साथ पार्टी होती है, उस समय तिब्बती लोग मदिरा गीत गाते हैं।《गाते हैं मदिरा का गीत》की धुन तेज़ ही नहीं, बहुत उत्साहपूर्ण भी होती है, जिसमें मधुर मदिरा के गुणगान से तिब्बती लोगों के सीधे सादे व्यवहार, और उनकी अतिथि सत्कार की भावना अभिव्यक्त होती है।
गीत में कहा गया है:
ऊंची आवाज़ में गाते हैं
मदिरा का गीत
तिब्बती पुरूष है छ्यांगबा
बहुत ज्यादा हैं मधुर गीत
पीते हैं मधुर मदिरा
नशा नहीं होता
तो गीत गाता रहता
छ्यांगबा है एक किसान
खुशी के साथ लेता है
मदिरा का मज़ा
शराब पी सरते हैं
यांत्सी व पीली नदी के पानी से ज्यादा