"तिब्बती संस्कृति—बर्फीली बुद्ध मूर्ति की प्रदर्शनी"15 फरवरी को थाईपे में उद्घाटित हुई। हिमालय हिम नदी और थाईवान के पहाड़ी स्प्रिंग वॉटर के बर्फ से बनी हुई बुद्ध मूर्ति प्रदर्शित हुई। बर्फीली मूर्ति के पिघले पानी से प्राप्त "शुभकामना जल"को दान के रुप में आशीर्वाद के लिए स्थानीय नागरिकों को दिया जाएगा।
बताया जाता है कि《बर्फीली बुद्ध-मूर्ति》पहले तिब्बती कलाकार गादे ने 2006 में तैयार की थी। उन्होंने ल्हासा नदी के पानी को बर्फ बनाकर बुद्ध मूर्ति बनाई, फिर मूर्ति को नदी में रखा। मूर्ति के नदी में पिघलने से बौद्ध धर्म की सच्चाई दिखी। थाईपे में प्रदर्शित इस बर्फीली बुद्ध मूर्ति को हिमालय हिम नदी के पानी और थाईवान के पहाड़ी स्प्रिंग वॉटर के मिश्रण से बनाया गया। थाईवानी बर्फ़ नक्काशी कलाकार वू थिंग क्वो ने गादे के अनुरोध पर यह बुद्ध मूर्ति बनायी है।
यहां बता दें कि इस बर्फीली बुद्ध मूर्ति की उंचाई 180 सेमी. है। गर्म रूम में वह धीरे धीरे पिघल रही है। पिघले पानी को आशीर्वाद के लिए स्थानीय नागरिकों को दिया जाएगा।
(श्याओ थांग)