अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहें हैं संडे की मस्ती अखिल और लिली के साथ।
दोस्तों, रेजर और शेविंग क्रीम बेचने वाली कंपनियां मर्दों के साफ और चिकने चेहरे का भले ही कितना भी बखान करें पर अमेरिका के पोर्टलैंड शहर में आयोजित विश्व मूंछ-दाढ़ी चैम्पियनशिप में भाग लेने वाले 300 से अधिक प्रतिभागियों की गर्वीली और रौबदार मूंछ-दाढ़ी को अगर साफ-चिकने चेहरे वाले लोग देखें तो जरूर शर्म से पानी-पानी हों जाएंगे।
पिछले हफ्ते हुये इस प्रतियोगिता में 9 देश और अमेरिका के 29 राज्यों के प्रतिभागी शामिल हुए। प्रतियोगिता में कुल 18 श्रेणियों के अंतर्गत विजेता चुने गए। 6 जजों वाली टीम ने सिर्फ उन्हीं को विजेता नहीं घोषित किया जिनकी दाढ़ी सबसे लंबी और घनी थी बल्कि विजेताओं में वे भी शामिल रहे जिनकी मूंछ-दाढ़ी उनके पूरे व्यक्तित्व और उनके अंदाज को सर्वाधिक निखार प्रदान करती हो। मूंछों की कैटेगरी जो प्रतियोगिता में शामिल थी वे हैं प्राकृतिक, इंगलिश, डाली, इंपेरियल, हंगेरियन और फ्रीस्टाईल। प्रतियोगिता का समग्र विजेता मैडिसन रौली को घोषित किया गया जिनकी दाढ़ी निर्णायक मण्डल के अनुसार बेहद घनी और फूलदार मानी गई।
हालांकि प्रतियोगिता की सबसे रोचक बात इसके अस्तित्व को लेकर विवाद रहा। जर्मनी में स्थित एक और विश्व दाढ़ी-मूंछ प्रतियोगिता आयोजित करने वाली संस्था ने अमेरिका के इस प्रतियोगिता का बहिष्कार किया है। उसके अनुसार पोर्टलैंड में आयोजित इस प्रतियोगिता को यह उपाधियां देने का कोई अधिकार नहीं है और जर्मनी में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता ही मूंछ-दाढ़ी की असली विश्व चैम्पियनशिप है।
लिली- अरे वाह अखिल जी, विश्व मूंछ-दाढ़ी चैम्पियनशिप के बारे में तो मैं पहली बार सुन रही हूं। ऐसी चैम्पियनशिप का भी आयोजन होता है... कमाल है। खैर, यह जानकर की जर्मनी में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता ही मूंछ-दाढ़ी की असली विश्व चैम्पियनशिप है, अच्छा लगा... उम्मीद है कि हमारे श्रोता दोस्तों को भी अच्छा लगा होगा।