लगन से चित्र बनाते हुए छात्र
छात्र द्वारा बनाए गए तिब्बती शैली के फर्निचर
सोंग मिंग के विचार में तिब्बत में तिब्बती परम्परागत संस्कृति का संरक्षण करने और इसे विरासत में लेते हुए विकसित करने के दौरान तिब्बती जाति की पारंपरिक संस्कृति और कला की पुनः समीक्षा किया जाना चाहिए। इसी दौरान आधुनिक भौतिक सभ्यताओं में लोगों को कुछ न कुछ अनुभव प्राप्त कर उनपर असर पड़ेगा। उनका कहना है:
"इसी दृष्टि से देखा जाए, तो मैं अपने जीवन के बाकी समय को तिब्बती संस्कृति और कला का सारांश, जांच, संग्रह करने में लगाना चाहता हूँ। ताकि ये वस्तुऐं तिब्बती लोगों की मानसिक संपत्ति बन सकें। क्योंकि आज तक इस प्रकार की पेशेवर किताब उपलब्ध नहीं है। तिब्बती हस्तकला और ललितकला के इतिहास से जुड़ी पुस्तक भी मौजूद नहीं है।"
सोंग मिंग ने कहा कि उनके परोपकारी काम करने का लक्ष्य दूसरों से कोई जवाब मांगना नहीं है। उनके गुरू ने उन्हें यह पाठ पढ़ाया था। हालांकि हर दिन व्यस्त होने के कारण उन्हें थकान महसुस होती है, लेकिन अपना पसंदीदा काम करते हुए सोंग मिंग को बहुत खुशी हैं।