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    संडे की मस्ती 2014-10-19
    2014-10-22 14:42:08 cri

    अखिल- दोस्तों, यह थी बात कैमल मिल्क की, चलिए अब मैं आपको बताता हूं कि 8 साल तक जीने-मरने की कसमें खाते रहे, आखिरी में कहा, "जा जी ले अपने जिंदगी…!"

    8 साल तक वो एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाते रहे. फिर अचानक एक दिन प्रेमिका को पता चला कि उसका महबूब उसे छोड़कर किसी और के साथ चोरी-छिपे शादी करने जा रहा है. 8 बरस लंबे साझे सुख-दुख की यादें और टूटी कसमों में समेटकर वो शादी के मंडप में जा पहुंची. उसने सोंचा था कि वो आसानी से हार नहीं मानेगी, उस बेवफा का गिरहबान थाम लेगी और अपना हक लेकर रहेगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, वो ऐसा कुछ नहीं कर सकी. दुल्हन के जोड़े में सजी एक लड़की के आंसुओं में उसके दिल का सारा मैल धुल गया और टूटे दिल के साथ उसने अपने बेवफा प्रेमी को ये कहकर गुडबॉय कह दिया कि जा बसा ले अपनी जिंदगी.

    नहीं, ये किसी फिल्म या टीवी सीरियल की झलक नहीं है. यह वाकई ऐसा हुआ है और उस बड़े दिल वाली ने साबित कर दिया कि उसने मोहब्बत की थी, सौ फीसदी सोने जैसी खरी निस्वार्थ मोहब्बत. ये अनोखी कहानी है मुंबई में रहने वाली नीलांबरी की. नीलांबरी मुंबई में ऑर्किटेक्ट है. हैदराबाद एयरफोर्स में तैनात स्क्वाट्रन लीडर कुमुद प्रसाद सिंह से उसका 8 साल से प्रेमसंबंध था. कुमुद समस्तीपुर के मोहद्दीपुर का रहने वाला है. नीलांबरी के मुताबिक कुमुद ने उससे शादी का वादा किया था, लेकिन उसके परिजनों ने उसकी शादी मौर्या विहार कॉलोनी, पटना में तय कर दी. शादी रविवार को थी. लेकिन कुमुद के बारात की खबर नीलांबरी को लग गई. मुंबई से वो सीधे पटना जा पहुंची. नीलांबरी के पटना पहुंचते ही कुमद की बेवफाई जगजाहिर हो गई. नीलांबरी को सामने देख कुमुद को मानो काठ मार गया और उसके मां-बाप और रिश्तेदार सकते में आ गए. उधर, जब मुंबई से कुमुद की प्रेमिका के पटना आ पहुंचने की खबर लड़कीवालों को मिली तो उनके घर में कोहराम मच गया.

    दुल्हन के जोड़े में सजी-संवरी लड़की के तो सारे सपने ही बिखर गए, रो-रो कर उसका बुरा हाल था. आखीरकार कुमुद की बेवफाई पर खफा नीलांबरी का गुस्सा उस लड़की के आंसुओं से आहिस्ता-आहिस्ता शांत हो गया और उसने एक अनोखा फैसला ले लिया. नीलांबरी दुल्हन का दुख न देख सकी और उसने उस शख्स को छोड़ देने का फैसला ले लिया जिसने प्यार के बदले उसे धोखा दिया था. नीलांबरी उठी और उसने अपने प्रेमी कुमुद से कहा, "जा, जी ले अपनी जिंदगी." और अपना सारा गम समेटकर वो वहां से चली गई.

    लिली- अखिल जी, मैं तो कहना चाहूंगी कि यह किस्सा महिला के emotions और उसकी भावना का एक अद्भुत उदाहरण है। एक महिला चाहकर भी दूसरी महिला का बुरा नहीं सोच सकती।

    अखिल- जी हां लिली जी। मैं आपकी बात से बिल्कुल सहमत हूं।

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