दोस्तों, यह था मजेदार ओडियो.. चलिए अभी सुनते हैं एक मजेदार हिन्दी गाना....
(गाना-2)
अखिल- स्वागत है एक बार फिर आपका इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में
दोस्तों, मैं आपको एक मजेदार कहानी सुनाता हूं। कहानी का नाम है "एक था गधा"।
किसी एक गाँव में एक व्यापारी रहता था। वो हर रोज अपने गधे पर एक बोरी नमक लेकर निकलता और शाम तक बाजार में बेचकर घर लौट आता। बाजार जाने के रास्ते में एक नदी पड़ती थी। एक दिन नदी पार करते वक्त गधे का पैर फिसल गया और वो पानी में गिर गया। पानी में गधे को खूब मजा आया, वो नदी के पानी में डूब-डूब कर नहाया। व्यापारी ने किसी तरह उसे पानी से बाहर निकाला तो गधे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दरअसल बोरी का सारा नमक पानी में घुल गया था और उसकी पीठ का बोझ हल्का हो गया था। नमक बर्बाद होने से व्यापारी ने सिर पकड़ लिया। उस दिन वो नदी किनारे से ही घर लौट आया।
गधे को अक्ल आ गई थी। उस दिन के बाद से, व्यापारी को कोई सफेद चीज बोरी में भरता देख, गधा सोच लेता कि आज उसे क्या करना है। सफेद चीज से भरी बोरी के साथ, नदी से गुजरते ही वो पानी में बैठ या गिर जाता। व्यापारी का सारा माल बर्बाद हो जाता लेकिन गधे का बोझ कम हो जाता। कई दिन ऐसा ही हुआ। आखिर धीरे-धीरे ये बात व्यापारी की समझ में आ गयी। एक बार रातभर सोचने पर, अगले दिन उसे एक उपाय सूझा।
अगली सुबह, व्यापारी ने फिर से सफेद चीज बोरी में भर, उसे गधे की पीठ पर लाद, चल दिया। गधे को बड़ा अजीब लगा कि आज उसकी पीठ का वजन कम था। दरअसल इस बार उसकी पीठ पर रुई लदी थी। फिर भी, गधा तो गधा ठहरा, उसकी आदत खराब हो गई थी। सो नदी पहुंचते ही वो रोजाना की तरह पानी में फिसल गया। खूब नहाया लेकिन जब पानी से निकलने की बारी आई तो हालत खराब...। उससे उठा ही नहीं जा रहा था। पीठ का वजन, कम होने के बदले और ज्यादा भारी हो गया था। पानी से बाहर निकलने में देर होता देख, व्यापारी भी उस पर टूट पड़ा और डंडे से जमकर धुनाई कर दी।
अगले दिन भी ऐसा ही हुआ। बोरी में फिर से सफेद चीज लदी थी। गधे ने फिर उसे पानी मे भिगो दिया। वजन बढ़ जाने से उसे उठने में फिर मुश्किल हुई और नतीजा पिटाई भी हुई। कई दिन ऐसा हुआ। वजन कम हो जाने की उम्मीद में, उसकी पिटाई हो जाती। सो गधे ने सोच लिया, नदी के पानी से दूर ही रहने में भलाई है। पता नहीं कब वजन घट जाए, कब बढ़ जाए। उस दिन के बाद से गधा नदी से दूर ही रहने लगा। आज भी वो पानी से बहुत डरता है।
मीनू- गधा अपने आपको बहुत होशियार बन रहा था।
अखिल- हां हां हां.. सही कहा मीनू जी आपने। पर गधे की होशियारी निकल गई। चलिए.. मैं आपको एक बहुत बढ़िया किस्सा सुनाता हूं।
दोस्तों, एक दिन एक औरत अपने घर के बाहर आई और उसने तीन संतों को अपने घर के सामने देखा। वह उन्हें जानती नहीं थी। औरत ने कहा – "कृपया भीतर आइये और भोजन करिए।"
संत बोले – "क्या तुम्हारे पति घर पर हैं?"
औरत ने कहा – "नहीं, वे अभी बाहर गए हैं।"
संत बोले – "हम तभी भीतर आयेंगे जब वह घर पर हों।"
शाम को उस औरत का पति घर आया और औरत ने उसे यह सब बताया।
औरत के पति ने कहा – "जाओ और उनसे कहो कि मैं घर आ गया हूँ और उनको आदर सहित बुलाओ।"
औरत बाहर गई और उनको भीतर आने के लिए कहा। संत बोले – "हम सब किसी भी घर में एक साथ नहीं जाते।"
औरत ने पूछा"पर क्यों?"
उनमें से एक संत ने कहा – "मेरा नाम धन है" – फ़िर दूसरे संतों की ओर इशारा कर के कहा – "इन दोनों के नाम सफलता और प्रेम हैं। हममें से कोई एक ही भीतर आ सकता है। आप घर के अन्य सदस्यों से मिलकर तय कर लें कि भीतर किसे निमंत्रित करना है।"
औरत ने भीतर जाकर अपने पति को यह सब बताया। उसका पति बहुत प्रसन्न हो गया और बोला – "यदि ऐसा है तो हमें धन को आमंत्रित करना चाहिए। हमारा घर खुशियों से भर जाएगा।"लेकिन उसकी पत्नी ने कहा – "मुझे लगता है कि हमें सफलता को आमंत्रित करना चाहिए।"
उनकी बेटी दूसरे कमरे से यह सब सुन रही थी। वह उनके पास आई और बोली – "मुझे लगता है कि हमें प्रेम को आमंत्रित करना चाहिए। प्रेम से बढ़कर कुछ भी नहीं हैं।"
"तुम ठीक कहती हो, हमें प्रेम को ही बुलाना चाहिए"– उसके माता-पिता ने कहा।
औरत घर के बाहर गई और उसने संतों से पूछा – "आप में से जिनका नाम प्रेम है वे कृपया घर में प्रवेश कर भोजन गृहण करें।"प्रेम घर की ओर बढ़ चले। बाकी के दो संत भी उनके पीछे चलने लगे।
औरत ने हैरानी से उन दोनों से पूछा – "मैंने तो सिर्फ़ प्रेम को आमंत्रित किया था। आप लोग भीतर क्यों जा रहे हैं?" उनमें से एक ने कहा – "यदि आपने धन और सफलता में से किसी एक को आमंत्रित किया होता तो केवल वही भीतर जाता। आपने प्रेम को आमंत्रित किया है। प्रेम कभी अकेला नहीं जाता। प्रेम जहाँ-जहाँ जाता है, धन और सफलता उसके पीछे जाते हैं।
मीनू- सही बात है प्रेम ही सफल जीवन का राज है।
अखिल- यह सही बात है मीनू जी। हम सभी को प्रेम के साथ रहना चाहिए, प्रेम बाटना चाहिए, प्रेम देना चाहिए और प्रेम लेना चाहिए क्योंकि प्रेम सफल जीवन का राज होता है। चलिए दोस्तों, अब बारी मजेदार जोक्स के।
एक बार शादी में संता बहुत देर से खाना खा रहा था। किसी ने संता से पूछा कब तक खाते रहोगे?
संता ने कहा.. अरे यार, मैं खुद परेशान हूं.. कार्ड पर लिखा है... डिनर 7 से 12 (हंसने की आवाज)
चलिए सुनते हैं दूसरा जोक-
एक रात, चार कॉलेज विद्यार्थी देर तक मस्ती करते रहे और जब होश आया तो अगली सुबह होने वाली परीक्षा का भूत उनके सामने आकर खड़ा हो गया। परीक्षा से बचने के लिए उन्होंने एक योजना बनाई। मैकेनिकों जैसे गंदे और फटे पुराने कपड़े पहनकर वे प्रिंसिपल के सामने जा खड़े हुए और उन्हें अपनी घटना की जानकारी दी। उन्होंने प्रिंसिपल को बताया कि कल रात वे चारों एक दोस्त की शादी में गए हुए थे। लौटते वक्त गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया। किसी तरह धक्का लगा-लगाकर गाड़ी को यहां तक लाए हैं। इतनी थकान है कि बैठना भी संभव नहीं दिखता, पेपर हल करना तो दूर की बात है। यदि प्रिंसिपल साहब उन चारों की परीक्षा आज के बजाय किसी और दिन ले लें तो बड़ी मेहरबानी होगी। प्रिंसिपल साहब बड़ी आसानी से मान गए। उन्होंने तीन दिन बाद का समय दिया। विद्यार्थियों ने प्रिंसिपल साहब को धन्यवाद दिया और जाकर परीक्षा की तैयारी में लग गए।
तीन दिन बाद जब वे परीक्षा देने पहुंचे तो प्रिंसिपल ने बताया कि यह विशेष परीक्षा केवल उन चारों के लिए ही आयोजित की गई है। चारों को अलग-अलग कमरों में बैठना होगा। चारों विद्यार्थी अपने-अपने नियत कमरों में जाकर बैठ गए। जो प्रश्नपत्र उन्हें दिया गया उसमें केवल एक ही प्रश्न था। और प्रश्न इस प्रकार था...
गाड़ी का कौन-सा टायर पंक्चर हुआ था ?
A. अगला बायां 🙀
B. अगला दायां 😿
C. पिछला बायां 😾
D. पिछला दाया (हंसने की आवाज)
Macchar ne jo kata... dil main mere junoon tha.
Khujli hui itni... dil be sukoon tha.
Pakada to chod diya yeh soch kar ki.... sale ki ragon
main apna hi khoon tha!
अखिल- चलिए दोस्तों, अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। हम हमेशा यही कामना करते हैं कि आप सभी हर दिन हंसते रहें, मुस्कराते रहें, और ढेर सारी खुशियां बांटते रहें। क्योंकि आप तो जानते ही हैं कि Laughing is the best medicine यानि हंसना सबसे बढ़िया दवा है। तो Always be happy.... हमेशा खुश रहो.....और सुनते रहो हर रविवार, सण्डे की मस्ती। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। हम अपने कार्यक्रम में आपके लैटर्स और ईमेल्स को जरूर शामिल करेंगे। अभी के लिए मुझे और लिली जी को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।