पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटन स्विट्जरलैंड के पर्यटन उद्योग की विशेषताओं में से एक है। हर वर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक स्विट्जरलैंड आते हैं। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में जारी चीनी तिब्बत विकास मंच में स्विट्जरलैंड के लुसाने विश्वविद्यालय से आए ओट्टो कोल्बल ने कहा कि तिब्बत के कुछ पर्वतों का दृश्य स्विट्जरलैंड से अधिक सुन्दर है। स्विट्जरलैंड में विकसित हुए परिपक्व मांउटेन कार्यक्रमों के अनुभवों से तिब्बत के पर्यटन विकास को लाभ मिलेगा।
स्विट्जरलैंड में जन्मे कोल्बल धारा प्रवाह चीनी बोलते हैं। विश्वविद्यालय में अनुसंधान करने की वजह से उन्होंने चीन के कई स्थलों का दौरा किया था। लेकिन उनका तिब्बत के साथ संबंध वर्ष 2012 से ही शुरू हुआ। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य ने उन्हें अपनी ओर आकर्षित किया। पिछले दो सालों में उन्होंने तिब्बत की तीन बार यात्रा की। एक बार वे दो महीने तक तिब्बत में रुके। उनके लिए तिब्बती क्षेत्र की अच्छाइयों में कुछ कमियां भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा:
"वर्ष 2012 में मैं पहली बार तिब्बत आया। मैंने देखा कि यहां बहुत ज्यादा सुन्दर पर्वत हैं। लेकिन कहां मैं मांउटेन कार्यक्रम कर सकता हूं?कोई रास्ता नहीं मिला।"
कोल्बल की नज़र में तिब्बत में पर्यटन संसाधन बहुत प्रचुर हैं। विशेषकर यहां के पहाड़ी दृश्य स्विट्जरलैंड से अधिक सुन्दर हैं। लेकिन ऐसे सुन्दर प्राकृतिक दृश्य में पर्यटक मात्र दो या तीन घंटे ठहरने के बाद चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय पर्यटन को उतनी आय नहीं होती। यह कोल्बल को थोड़ा अजीब लगता है। क्योंकि स्विट्जरलैंड में सुन्दर मांउटेन क्षेत्र में पर्याप्त मांउटेन पर्यटन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जो हर साल अनगिनत पर्यटकों को आकृष्ट करता है। जिनमें अधिकांश लोग दोबारा आते हैं। इसकी चर्चा में कोल्बल ने कहा:
"अगर कोई पर्यटक तिब्बत आया और उसने सिर्फ़ एक ही जगह में मठ या दूसरे प्रसिद्ध सांस्कृतिक स्थल का दौरा करना चाहा, तो एक ही दिन काफ़ी है। अगर यहां ज्यादा रुचिकर कार्यक्रम तैयार हुए, मसलन् मांउटेन साइक्लिंग, शुरू में वह आसान कार्यक्रम में भाग लेगा, स्थानीय लोग उसे सिखा सकते हैं। उसका स्तर बेहतर होने के साथ-साथ वह यहां मात्र एक दिन नहीं ठहरेगा, संभवतः वह एक हफ्ते तक रुकेगा।"
कोल्बल ने कहा कि मांउटेन कार्यक्रमों में हाई मांउटेन साइकिल, पैदल मांउटेन ट्रैवल शामिल हैं, जिन्हें ज्यादा पेशेवर तकनीक की आवश्यकता नहीं है। मांउटेन क्षेत्र में इस प्रकार के विशेष पर्यटन तरीके को स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, इटली, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों के पर्यटक पसंद करते हैं। साथ ही यह मांउटेन क्षेत्र में पारिस्थितिकी पर्यटन के परिपक्व विकास की मिसाल भी है। उन्होंने कहा:
"उदाहरण के लिए स्विट्जरलैंड के पहाड़ी क्षेत्र में मांउटेन पर्यटन व्यवसाय से सूदूर के गांवों के विकास को लाभ मिलेगा, स्थानीय लोगों का जीवन स्तर उन्नत होगा। इसके साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण के लिए भी अच्छी बात है। क्योंकि पर्यटक अच्छे पर्यावरण वाले स्थलों का दौरा करना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय लोगों को पर्यावरण संरक्षण में प्रेरणा मिलेगी।"
तिब्बत में अद्वितीय पहाड़ी पर्यटन संसाधन उपलब्ध हैं। लेकिन मांउटेन कार्यक्रमों से जुड़े विचार स्थानीय तिब्बती लोगों और भीतरी क्षेत्र से आए पर्यटकों के लिए अपरिचित है। कोल्बल ने कहा कि तिब्बत की स्थानीय सरकार इस संदर्भ में स्विट्जरलैंड के अनुभव सीख सकती है। पर्यटकों को तिब्बत में ज्यादा समय ठहरने के लिए रंगबिरंगे मांउटेन कार्यक्रमों का आयोजन हो और पर्यटन उद्योग से अच्छी आय अर्जित करें। कोल्बल ने कहा:
"स्विट्जरलैंड में गांव सहयोग संगठन इस प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करता है। एक परिवार में होटल या रेस्टोरेंट स्थापित किया गया है। मैंने देखा कि वर्तमान में बहुत ज्यादा तिब्बती लोग पुराने मकानों को तोड़कर नए मकानों का निर्माण करते हैं। लेकिन पर्यटक आम तौर पर पारंपरिक मकानों में रहना पसंद करते हैं। मेरा विचार है कि पुराने मकान की मरम्मत करना तो ठीक है, इसके लिए कम पैसे का प्रयोग भी किया जाता है। अगर गांववासी एक दूसरे का सहयोग और समन्वय करेंगे तो सफल होने की अधिक संभावना होगी।"
कोल्बल के विचार में पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटन उद्योग का विकास करने में संपूर्ण परियोजना बनाने, डिज़ाइन करने और पेशेवर सेवा प्रशिक्षण करने की आवश्यकता है। इससे सुरक्षित व उच्च गुणवत्ता वाले मांउटेन कार्यक्रम शुरू किए जा सकेंगे और पर्यटक भी अच्छा अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।
इधर के सालों में तिब्बत के पर्यटन उद्योग का तेज़ विकास हुआ। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष की पहली छमाही में तिब्बत में 40 लाख देशी विदेशी पर्यटक पहुंचे। जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 20 प्रतिशत अधिक हैं। पर्यटन आय 4 अरब युआन पहुंची। पर्यटन उद्योग संभवतः तिब्बत के आर्थिक विकास का स्तंभ बन सकता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए चीन के भीतरी क्षेत्र और विदेशों में प्रगतिशील पर्यटन उपाय सीखने, सेवा स्तर उन्नत करने के साथ-साथ पर्यटन से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ाने की जरूरत है। ऐसी दृष्टि से देखा जाए, तो स्विट्जरलैंड के मित्र ओट्टो कोल्बल के सुझाव पर अमल किया जा सकता है।