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    सूचना तकनीकी से तिब्बती संस्कृति को विरासत में ग्रहण करते हुए विकास
    2014-07-20 18:59:13 cri

    आज के आधूनिक सूचनाकरण के युग में कंप्यूटर और स्मार्टफॉन हमारे रोज़मर्रे जीवन में अपरिहार्य साधन बन गए हैं। छिंगहाई तिब्बत पठार पर रहने वाले तिब्बतियों के लिए कंप्यूटर और इन्टरनेट के माध्यम से ज्यादा सूचना प्राप्त करने से आर्थिक व सांस्कृतिक विकास को आगे बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा स्थित तिब्बत विश्वविद्यालय में कई लोग इसी क्षेत्र में काम करने में संलग्न हैं।

    तिब्बत विश्वविद्यालय में तीसरे वर्ष में पढ़ रहे सोनान छाईच्वो कंप्यूटर कोर्स का छात्र है। वह पुस्तकालय में विंडोज़ सिस्टम लगा कंप्यूटर में तिब्बती इनपुट मेथड के माध्यम से सामग्रियों की खोज करता है। इस सिस्टम और सॉफ्टवेयर का अनुसंधान और विकास तिब्बत विश्वविद्यालय के सूचना तकनीकी अनुसंधान केंद्र ने किया। इस केंद्र के उप प्रोफ़ेसर रनछिंग नोर्बु ने हमें चीनी से तिब्बती में अनुवाद करने वाले ई-शब्दकोष दिखाते हुए कहा:

    "यह एक ई-शब्दकोष है, जिसके माध्यम से चीनी और तिब्बती दोनों भाषा में अनुवाद करना सक्षम है। अनुवाद किए जाने के बाद ऊपर चीनी भाषा का एक शब्द है और नीचे तिब्बती भाषा का। मसलन् यह शब्द चीनी भाषा में'चीश्यांग रूई'बोला जाएगा, तो तिब्बती भाषा में'जाशी देले'बोला जाएगा।"

    वर्ष 2006 में तिब्बत विश्वविद्यालय के सूचना तकनीकी अनुसंधान केंद्र की स्थापना हुई। पिछले 8 वर्षों में केंद्र ने कई अनुसंधान उपलब्धियां हासिल कीं। उक्त उत्पाद के अलावा उसने तिबब्ती भाषा में सूचना निपटारा आदान प्रदान मानक प्रणाली, तिब्बती भाषा सूचना तकनीकी कोडिंग में शब्द संग्रह, तिब्बती-चीनी-अंग्रेज़ी स्वर शिक्षा प्रणाली, तिब्बती भाषा में स्मार्टफॉन जैसे क्षेत्रों में सफल अनुसंधान किया। वर्तमान में इनका प्रयोग तिब्बत के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जो तिब्बतियों के अपरिहार्य साधन बन गया है।

    इस अनुसंधान केंद्र के उप प्रोफ़ेसर चाओ तोंगछाओ ने जानकारी देते हुए कहा कि अनुंसधान केंद्र द्वारा बनाई गई तिब्बती भाषा में सूचना निपटारा आदान प्रदान मानक प्रणाली सबसे अहम उपलब्धियों में से एक है, जिसकी स्थापना से तिब्बती भाषा में सूचनाओं के निपटारे में हमने मार्गदर्शन अधिकार अपने हाथ में ले ली हैं। उन्होंने कहा:

    "सूचना तकनीकी में मापदंड सबसे अहम है। मापदंड हासिल करने से लोगों की सक्रियता बढ़ी। हमने तिब्बती भाषा में सूचना के निपटारे में आदान प्रदान के मानक प्रणाली बनाया। इस तरह हम दूसरे देशों के पीछ लगु नहीं बनेंगे। वर्तमान में विदेशी तकनीक हमारे अनुसंधान फल के अनुसार प्रणाली बनाया जाता है।"

    इधर के सालों में चीन में स्मार्टफॉन का विकास तेज़ी से हो रहा है। वर्ष 2013 में देश भर में स्मार्टफॉन के उपभोक्ताओं की संख्या 58 करोड़ तक पहुंच गई, जिससे मोबाइल इन्टरनेट के विस्तार की आधारशिला रखी गई। ऐसी स्थिति में तिब्बती लोगों के लिए आवश्यक मोबाइल फॉन एप्प और प्रोग्राम का अनुसंधान और विकास करना तिब्बत विश्वविद्यालय के तिब्बती भाषाओं में सूचना तकनीकी अनुसंधान केंद्र का प्रमुख अनुसंधान दिशा बन गया है। केंद्र के उप प्रोफ़ेसर रनछिंग नोर्बु ने कहा कि अनुसंधान केंद्र की स्थापना से लेकर अब तक के 8 सालों में तिब्बती भाषा में मोबाइल फॉन के कुछ सिस्टमों का अनुसंधान किया गया है। इधर के सालों में केंद्र ने तिब्बती कविताओं, उपन्यासों और कथाओं को फॉन पुस्तक बनाया है, अब तिब्बती लोग अपने मोबाइल फॉन से इन्हें डाउनलोड कर सुन और पढ़ सकते हैं। वर्ष 2013 के अक्तूबर महीने में अनुसंधान केंद्र और चीनी दूरसंचार कंपनी के साथ सहयोग कर"तिब्बती स्वर में कैलंडर"नामक एप्लिकेशन लॉन्च किया। इसमें तिब्बती पंचांग से जुड़े संबंधित सूचनाओं के साथ साथ तिब्बती स्वर में ज्ञान भी प्राप्त किया जा सकता है। इसका परिचय देते हुए रनछिंग नोर्बु ने कहा:

    "इस एप्लिकेशन में कृषि, पशुपालन से जुड़े बहुत सी जानकारियां उपलब्ध हैं। तिब्बती यूजर्स अपनी भाषा में संबंधित ज्ञान हासिल कर सकते हैं। अगर कुछ तिब्बती यूजर्स को लिखने की तिब्बती भाषा नहीं आती, तो वे उच्चारण के माध्यम से संबंधित ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।"

    सूत्रों के अनुसार इस ऐन्ड्रॉइड संस्करण वाले एप्लिकेशन को 50 हज़ार से अधिक बार डाउनलोड किया गया है, जिसे व्यापक तिब्बतियों का स्वागत मिला है।

    आज दुनिया भर में सूचना तकनीक और मोबाइल इन्टरनेट का तेज़ विकास हो रहा है। तिब्बत विश्वविद्यालय के तिब्बती भाषा में सूचना तकनीकी अनुसंधान केंद्र अपनी कोशिशों के जरिए पारंपरिक सांस्कृतिक को विरासत में ग्रहण करते हुए विकसित करता है और विज्ञान व तकनीकी की उन्नति के माध्यम से तिब्बती नागरिकों के सांस्कृतिक जीवन को बढ़ाने में संलग्न है। छिंगहाई-तिब्बत पठार विश्व की छत कहलाता है, लगता है कि यह अनुसंधान केंद्र तिब्बती भाषा में सूचनाकरण अनुसंधान और निर्माण में दूसरी विश्व की छत का निर्माण कर रहा है।

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