सुन्दर प्राकृतिक दृश्य
सुन्दर प्राकृतिक दृश्य
हिमालय पर्वत की तलहटी में स्थित नेपाल बहुत से चीनी पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है, जहां समुद्र तल से 8 हज़ार मीटर वाले आठ पर्वत हैं। हिंदू धर्म के मंदिरों और सांस्कृतिक अवशेषों से नेपाल की यात्रा करने वाले चीनी पर्यटकों को अलग-अलग तरह के अनुभव मिलते है।
"मुझे इधर-उधर की यात्रा करना पसंद है।"यह बात चांग सीछोंग चीनी पर्यटक की है। उसका जन्म वर्ष 1988 में भीतरी क्षेत्र के हनान प्रांत में हुआ। हाल में वह अपने दोस्तों के साथ एक केक की दुकान चलाता है। चांग सीछोंग ने कहा कि वह एक रसोईया और सरकारी कर्मचारी भी रह चुका है और उसने एक एक्सप्रेस हॉटल भी खोला था। उसका मन इधर-उधर घूमने में लगा रहता है। संयोगवश उसने एक बार नेपाल की यात्रा की है। उसे याद है कि एक बार वह दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत स्थित लुकु झील की यात्रा के लिए गया था। इसी दौरान उसे एक दोस्त से मुलाकात हुई। उसके दोस्त ने उसे नेपाल की यात्रा करने का सुझाव दिया। फिर उसने शीघ्र ही उस दोस्त के साथ नेपाल की यात्रा करने का निश्चय किया। नेपाल की यात्रा करने के लिए चुमुलांगमा पर्वत के दक्षिण भाग स्थित चुमुलांगमा शीरिव के ईबीसी लाइन पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय है। चांग सीछोंग और उसका दोस्त पैदल ही ईबीसी लाइन से तिब्बत से नेपाल तक की यात्रा की। रास्ते में वे ब्रिटेन, स्पेन और जर्मनी से आए पर्यटकों से भी मिलें। चांग सीछोंग रात को विभिन्न देशों से आए पर्यटकों से बातचीत में अपने देश और आपनी जन्मभूमि के बारें में और अनुभवों को शेयर करता था। 14 दिनों की तिब्बत से नेपाल तक पैदल यात्रा के दौरान चांग सीछोंग कभी कभार भविष्य के बारें में सोचता था। उसने कहा:"मुझे लगता है कि एक्सप्रेस हॉटल खोलना बोरिंग बात थी। हर दिन कुछ ग्राहक आते थे और कुछ जाते थे। हर रोज़ इस प्रकार की बातें दोहराई जाती थी, जिसमें कोई उत्साहपूर्ण चीज़ नहीं रह गई थी। केक बनाना मेरा शौक है। एक सरकारी कर्मचारी बनने से पूर्व मैं केक और पश्चिमी मिठाई बनाता था। इसी दौरान मैंने सोचा था कि मैं कोई न कोई दिलचस्प काम करूंगा। फिर मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक केक की दुकान खोली। यह मुझे अच्छा लगता है। केक बनाकर दूसरों को खिलाने से खुशी मिलती है।"
अपने मन की बातें सुनना और दूसरों को खुशी देना तिब्बत से नेपाल की पैदल यात्रा के दौरान चांग सीछोंग के दिमाग में पड़ी सबसे गहरी छाप थी।