लिली- आगे सादिक जी लिखते हैं....कोलम्बिया के एक छात्र द्वारा वाशिंग बाल का निर्माण सुन कर तो हम दांतो तले ऊँगली दबाने पर मजबूर हो गए। इसे एक बालटी में डालने पर वह वाशिंग मशीन की तरह कपड़ों की धुलाई कर देगा....सुनने मे अजीब तो लगता है पर यह सच है दिनों-दिन विज्ञान के नए आविष्कार होते हैं। यह इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आनेवाला समय पूरी तरह आधुनिक होगा और कल्पना मात्र ही हमें हर चीज़ की प्राप्ति करा देगा। जहां अखिल जी ने रोचकता की सीढ़ी पर चढ़ते हुए एक से बढ़कर एक रोचक विषय पर जानकारी दी, वहीं मीनू जी ने भी एक कदम आगे बढ़ते हुए एक ऐसे आविष्कार की जानकारी दी जो भविष्य मे बहुत लाभकारी सिद्ध होने वाली है यानी प्लास्टिक का खुद ही जुड़ जाना। यूनिवर्सिटी आफ इल्मोर के शोधकर्ताओं की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है । अखिल जी ने जब लोलनी प्लानेट के दस अद्भुत और हैरतअंगेज़ बातों का ज़िक्र किया तो सचमुच हमारे मुंह से निकल ही गया क्या बात है। मात्र कुछ मिनट मे आपने उन बातों का ज़िक्र कर हमारा इतना ज्ञानवर्धन किया जो शायद कई घंटे किताबों को पढ़कर ही प्राप्त होता।
आगे सादिक जी लिखते हैं..... यही इस कार्यक्रम की विशेषता हमें और अधिक आपके करीब लाती है। मेंढक वाले जोक ने तो हँसने पर मजबूर ही कर दिया पर पेप्सी कोला वाली कविता ने दिल ही जीत लिया। सच बात है हम उन चीज़ों का अधिक सेवन करते हैं जो हानिकारक होती हैं। सिगरेट के डब्बे पर स्पष्ट लिखा होता है कि यह सेहत के लिये हानिकारक है पर फिर भी हम पीते हैं। पेप्सी के डब्बे पर भी साफ लिखा है कि किन चीजों से यह बनी है और कितनी लाभकारी है और इसके नुक़सान कितने हैं पर बावजूद इसके हम फिर भी बढ़चढ कर इसका सेवन करते हैं। लोगों मे जागरूकता लाने हेतु आपकी यह कविता लाजवाब लगी जिसके लिये आप का आभार व्यक्त करता हूं और एक बार फिर सुंदर प्रस्तुति पर बधाई देता हूं।