सूत्रों के अनुसार सेला मठ के बराबर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में सैन्य क्षेत्र के जनरल अस्पताल से ये सुविधाएं पाने वाले मठों की संख्या 52 तक पहुंच गई है, जिसमें 18 हज़ार भिक्षुओं और भिक्षुणियों को लाभ मिला है। पिछले दसेक वर्षों में तिब्बती सैन्य क्षेत्र के जनरल अस्पताल में ऐसा नियम बना हुआ है कि हर एक हफ्ते की शनिवार और रविवार दो दिन की छुट्टियों में चिकित्सीय दल को ल्हासा के आसपास गांवों, स्कूलों, पशुपालन क्षेत्रों और मठों में भेजा जाता है। डॉक्टर स्थानीय किसानों, चरवाहों, विद्यार्थियों, भिक्षुओं और भिक्षुणियों का मुफ्त में इलाज करते हैं। वर्ष 2006 में "नागरिकों की सुविधा मुहैया अस्थाई सैन्य अस्पताल"की स्थापना की गई थी, इसके तहत हर वर्ष पहली मई श्रमिक दिवस पर, पहली अक्तूबर राष्ट्रीय दिवस पर, नए साल के दिन और वसंत त्योहार के वक्त इस अस्थाई अस्पताल के डॉक्टरों को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के दूर दराज क्षेत्र स्थित गांवों और चरागाह क्षेत्रों में चिकित्सीय सेवा के लिये भेजा जाता है। अब तक इस अस्थाई अस्पताल ने कुल 117 बार डॉक्टरों को भेजकर 1336 लोगों को चिकित्सीय सेवाएं प्रदान की हैं। इन डॉक्टरों के पैरों के निशान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में तैनात सभी सैन्य क्षेत्रों, सीमावर्ती चौकियों, कांउटियों और जिलों में फैले हुए हैं। इसी दौरान उन्होंने गाड़ी से भी 13 लाख किलोमीटर का सफर तय किया है।
स्थानीय तिब्बती लोग डॉक्टर ली सूची को स्नेह से"मनपा जनरल"कहते हैं, जबकि सैन्य क्षेत्र के जनरल अस्पताल को"जीवित बोधिसत्व"मानते हैं। सेला मठ की प्रबंधन कमिटी के प्रधान भिक्षु फूपू ने हमारे संवाददाता से कहा कि सैन्य क्षेत्र का जनरल अस्पताल जनता की सेवा करने वाले सिद्धांतों का पालन करता है, ये कार्रवाई बौद्ध धर्म के धार्मिक सिद्धांतों के बराबर है। उन्होंने कहा:"चिकित्सीय दल की सेवाओं का हम भिक्षुओं का हार्दिक स्वागत मिला है। डॉक्टर चीकित्सीय जांच करने, दवाईयां पहुंचाने और स्वास्थ्य फ़ाइल बनाने के लिए हमारे यहां आते हैं। वे भिक्षुओं और नागरिकों की मन लगाकर पूरी सेवा करते हैं। बौद्ध धर्म में सभी को लाभ दिलाने वाला धार्मिक सिद्धांत मौजूद है। मुझे लगता है कि इन डॉक्टरों की कार्रवाई बौद्ध धर्मिक सिद्धांतों के बराबर है। उन्हें सचमुच जीवित बोधिसत्व के रूप में माना जाता है।"
चीनी जन मुक्ति सेना की तिब्बत स्वायत्त प्रदेश शाखा के अधीन सैन्य जनरल अस्पताल से मिली सूचना के अनुसार तिब्बती क्षेत्र में नागरिकों की शारीरिक जांच करने और रोगियों का इलाज करने के लिए जनरल अस्पताल हर वर्ष 5 हज़ार युआन से अधिक सब्सिडी भी देता है, जिनमें अधिकांश राशि जनरल अस्पताल के शीविर निर्माण, साजो सामान की खरीद, उपकरणों की मरम्मत और कार्यालय की सामग्री में खर्च की जाती है।