तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के उपनगर स्थित न्यांग रेअ जिले में चिकित्सीय सेवा के दौरान डॉक्टर ली सूची ने अपने साथियों के साथ तिब्बती नागरिकों की शारीरिक स्थिति की विस्तृत जांच की। आम तौर पर चिकित्सीय दौरे पर डॉक्टर यहां के रोगियों का मुफ्त इलाज करते हैं, जिसमें इलाज की फ़ीस, जांच का खर्च और दवाईयों के दाम शामिल हैं। अगर रोगी की स्थिति थोड़ी गंभीर है और उसे जनरल अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है, तो ऐसे में रोगी को संबंधित प्रामाण पत्र दिखाकर कुछ खर्च कम किया जाता है या मुफ्त इलाज किया जाता है। डॉक्टर ली सूची के अनुसार इस कदम का कार्यान्वयन पिछले 20 से अधिक वर्षों से किया जा रहा है, जो वर्तमान में अधिक व्यवस्थित और अधिक कारगर हो रहा है।
न्यांग रेअ जिले के प्रमुख केसांग तुनचू ने हमारे संवाददाता से कहा कि इस जिले में कुल 5200 परिवारों के 10 हज़ार से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें अधिकतर तिब्बती जाति के निवासी हैं, वे मुफ्त चिकित्सीय सेवा का लाभ उठाते हैं। उनके अनुसार न्यूनतम गारंटी व्यवस्था के तहत संबंधित शर्त पूरी करने के बाद स्थानीय निवासी हरित मार्ग वाली हैसियत का आवेदन कर सकता है। केसांग तुनचू ने कहा:"हमारे यहां हरित मार्ग कार्ड प्राप्त करने वाले लोग सीधे तौर पर जनरल अस्पताल समेत विभिन्न स्तर के अस्पतालों में जा सकते हैं। नागरिक इसका खूब स्वागत करते हैं। देखिए, इस हरित मार्ग कार्ड को लेकर हम अस्पताल में अग्रिम राशि जमा कराए बगैर सीधे सैन्य जनरल अस्पताल में अपना इलाज करा सकते हैं।"
न्यांगरेअ जिले के आसपास सेला मठ स्थित है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग संप्रदाय का प्रतिनिधित्व मंदिर है। इस मठ के भिक्षुओं को स्थानीय निवासियों के बराबर मुफ्त चिकित्सीय सेवा के लाभ भी मिलते हैं। मठ की प्रबंधन कमिटी के प्रधान, भिक्षु फूपू ने जानकारी देते हुए कहा:"चीनी मुक्ति सेना की तिब्बत स्वायत्त प्रदेश शाखा के अधीन जनरल अस्पातल की चिकित्सीय सेवा टीम कभी कभार हमारे यहां शारीरिक जांच करने और दवाईयां पहुंचाने वाला चिकित्सीय दौरा करती है। अगर हमारे मठ के भिक्षु बीमार हैं, और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है, तो वह सीधे तौर पर अस्पताल जाकर मुफ्त इलाज करवा सकते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर ली सूचि और अन्य चिकित्सक हम भिक्षुओं का ज्यादा ख्याल रखते हैं। सैन्य क्षेत्र के जनरल अस्पताल ने विशेष तौर पर हमें मुफ्त चिकित्सीय कार्ड देने हमारे सेला मठ आए थे। इसके अलावा मठ के सभी भिक्षुओं के लिए स्वास्त्य फ़ाइल बनाई गई। हर साल सभी भिक्षु शारीरिक जांच कराने ल्हासा के जनरल अस्पताल जाते हैं।"