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    लोगों की सेवा में लगी लोपा जाति की सीपीपीसीसी सदस्य केसांग चोगा
    2014-03-16 18:58:25 cri

    चीन के भीतरी इलाके से बहुत दूर स्थित छिंगहाई तिब्बत पठार के दक्षिण भाग में एक प्राचीन और रहस्यमय जाति रहती है। उसकी अपनी विशेष भाषा होने के बावजूद अपने अक्षर नहीं होते। यह जाति लम्बे समय से तिब्बत के लीन ची प्रिफैक्चर और मी लीन कांउटी जैसे क्षेत्र में रहती है, जहां यातायात की बेहतर सुविधा मौजूद नहीं है। इस जाति की जनसंख्या मात्र 3 हज़ार है और चीन में सबसे कम आबादी वाली अल्पसंख्यक जाति के रूप में लोपा जाति देश भर में प्रसिद्ध है। लम्बे अर्से से लोपा जातीय नागरिकों के बेहतर और सुखमय जीवन बिताने के लिए चीन में दूसरी जातियों के लोग उनका ख्याल रखते हैं। वर्ष 2014 में चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन यानी सीपीपीसीसी के वार्षिक पूर्णाधिवेशन में भाग ले रही लोपा जातीय सदस्य केसांग चोगा अपनी जन्मभूमि के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास पर हमेशा ध्यान देती हैं।

    "इधर के सालों में लोपा जातीय क्षेत्र का विकास बहुत अच्छा रहा। मसलन् सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण के क्षेत्र में चीन की केंद्र सरकार ने कई उदार नीतियां बनाई, हम इस क्षेत्र में सक्रिय रुप से भाग ले रहे हैं।"

    चीनी सीपीपीसीसी की सदस्य केसांग चोगा ने कहा कि लोपा जाति के पास अक्षर नहीं होते। अब तक जातीय संस्कृति और रीति रिवाज़ का संग्रह और आगे विकास जुबानी शब्दों के माध्यम से किया जाता है। दो साल पहले मी लिन कांउटी में लोपा जातीय वस्त्रों से जुड़ी संस्कृति स्थानीय गैर भौतिक सांस्कृतिक अवशेष की सूची में शामिल हुई। केसांग चोगा मोथो कांउटी के दामू लोपा जातीय जिले में रहती है, जहां लोपा जातीय नृत्य-संगीत और खान पान संस्कृति का संरक्षण सक्रिय रुप से किया जा रहा है।

    सांस्कृतिक विकास और संरक्षण के अलावा, इधर के सालों में चीन की केंद्र सरकार ने आर्थिक विकास और यातायात निर्माण के क्षेत्र में लोपा जाति की व्यापक मदद की। अक्टूबर 2013 में मोथो कांउटी में राजमार्ग के यातायात की सुविधा पूरी हो गई, इस कांउटी में चीन में राजमार्ग न होने वाले अंतिम कांउटी का इतिहास समाप्त हुआ। बर्फीले पहाड़ मोथो वासियों और बाहरी दुनिया के बीच संपर्क कभी नहीं टूट सकता। यातायात सुविधा के चलते मोथो कांउटी में स्थानीय नागरिकों के जीवन में भी व्यापक परिवर्तन आया है। इसकी चर्चा में सीपीपीसीसी की सदस्य केसांग चोगा ने कहा: "पिछले वर्ष अक्तूबर में कांउटी में राजमार्ग की सेवा औपचारिक तौर पर शुरू हुई। राजमार्ग की सेवा मौसम के अनुसार की जाती है, साल में मार्च और अप्रैल महीने में बर्फीले पहाड़ पर हिमस्खलन के खतरे का सामना करना पड़ता है, जबकि जुलाई और अगस्त में राजमार्ग की स्थिति सबसे अच्छी होती है। वर्तमान में अपनी टैक्सी या कार खरीदने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई लोग टैक्सी चलाने से पैसे कमाते हैं। लेकिन पहले स्थानीय लोगों के दिमाग में ऐसा विचार कभी नहीं होता था। इसके अलावा कुछ लोगों ने गांव में अपनी छोटी दुकान खोली। पहले एक इंस्टेंट नूडल्स की कीमत 15 युआन होती थी। लेकिन आज इसका दाम बर्फीले पहाड़ के बाहर लीन ची प्रिफैक्चर की दूसरी जगहों से अलग नहीं होता।"

    केसांग चोगा ने कहा कि राजमार्ग का यातायात शुऱू होने के चलते मोथो कांउटी का विकास अहम दौर से गुज़र रहा है। उन्हें आशा है कि उनके जन्मस्थान का और अच्छा व तेज़ विकास हो सकेगा। सीपीपीसीसी की सदस्य के रूप में उन्होंने तिब्बत के लोका प्रिफैक्चर और मी लिन कांउटी में लोपा जातीय बहुल क्षेत्रों का दौरा किया। इस वर्ष सीपीपीसीसी के वार्षिक पूर्णाधिवेशन के दौरान केसांग चोगा ने जातीय कर्मचारियों के चुनाव और नियुक्ति से जुड़े प्रस्ताव के साथ हिस्सा लिया। इसकी चर्चा में उन्होंने कहा:"तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका प्रिफैक्चर में 200 से अधिक लोपा जातीय लोग रहते हैं, जबकि मोथो कांउटी में 600 से अधिक। लेकिन लोपा जातीय जिले में सिर्फ़ हम जैसे 2 सरकारी कर्मचारी हैं। देश में अल्पसंख्यक जातियों के लिए उदार नीति लागू की जाती है और केंद्र सरकार की कुछ पीढ़ी वाले नेताओं ने अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया। लेकिन हमारे वास्तविक कार्यों में फिर भी मुश्किलें मौजूद हैं।मोथो कांउटी का ही उदाहरण लें, यहां अभी-अभी यातायात की सुविधा शुरू हुई, स्थानीय लोगों की सोच पुरानी है। इस तरह काम करने के दौरान हम जैसे सरकारी कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मुझे लगता है कि वर्तमान में मोथो कांउटी का विकास महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है। इसमें स्थानीय विभिन्न जातियों के सरकारी कर्मचारियों का तालमेल जरुरी है।"

    केसांग चोगा के विचार में जीवन स्तर बेहतर होने के साथ-साथ नागरिकों के विचारों में परिवर्तन भी अहम है। उन्होंने कहा:"आजकल लोगों के विचारों में व्यापक बदलाव आया है। मेरा विचार है कि ज्यादा स्थानीय अल्पसंख्यक जातीय कर्मचारियों को ट्रेनिंग दिए जाने से लोगों के विचार में ज्यादा बदलाव आएगा। यह आर्थिक विकास के लिए मददगार साबित होगा।"

    चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की सदस्य ही नहीं, केसांग चोगा मां भी हैं। अपने बच्चे के प्रति उन्हें गर्व है। सीपीपीसीसी के मौजूदा वार्षिक पूर्णाधिवेशन में उन्होंने अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों में प्राइमरी स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रस्ताव पेश किया। केसांग चोगा के विचार में वर्तमान अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों में शिक्षा में कमियां मौजूद हैं। शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर करने में नैतिक शिक्षा अहम भूमिका निभा सकती है।उन्होंने कहा:"एक तरफ़ अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों में पेशेवर शिक्षकों की कमी है। दूसरी तरफ़ पारिवारिक शिक्षा का स्तर उंचा नहीं है। विशेषकर स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में। मेरे प्रस्ताव में गुणवत्ता के शिक्षा में नैतिक शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। मेरा विचार है कि ज्यादा अल्पसंख्यक जातीय शिक्षकों को ट्रेनिंग दिया जाना चाहिए। मां के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में कमियां देखकर मुझे बहुत दुख होता है।"

    हमारे संवाददाता के साथ साक्षात्कार में अपनी जन्मभूमि के विकास, और बच्चों की चर्चा करते समय केसांग चोगा बहुत उत्साहित लगी। इस वर्ष चीन में एनपीसी और सीपीपीसीसी के वार्षिक पूर्णाधिवेशन के आयोजन के दौरान तिब्बती पंचांग के नव वर्ष का समय है। केसांग चोगा ने जन्मस्थान में विभिन्न जातियों के लोगों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए कहा:"तिब्बती पंचाग के नव वर्ष के उपलक्ष्य में मेरी शुभकामनाएं हैं कि सभी लोग खुशहाल और स्वस्थ रहें।"

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