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    ल्हासा में 7 वर्ष तक रहने वाले नेपाली व्यापारी की कहानी
    2014-02-19 18:46:53 cri

    ल्हासा में कालीन दुकान के मालिक वांग छिंग

    अनेक लोगों के लिए तिब्बत एक दूर दराज़ का इलाका और रहस्यमय पवित्र भूमि है। लेकिन अनेक देशी-विदेशी लोगों को तिब्बत की मनमोहकता आकर्षित करती है। और भी कुछ पर्यटक वहां रहते हैं और तिब्बत को अपना दूसरा घर मानते हैं। नेपाली व्यापारी वांग छिंग 7 वर्षों से ल्हासा में रहते हैं।

    ल्हासा में वांग छिंग एक कालीन की दुकान के मालिक हैं। यह एक सुन्दर दुकान है, दीवार पर तिब्बती और नेपाली सजावट के सामान लगे हैं।

    वर्ष 2006 में वांग छिंग ल्हासा बहुंचे थे और पिछले 7 वर्षों से वो यहां रहते हैं, लेकिन बचपन से तिब्बत के साथ उनका संबंध शुरु हुआ है। इसी की याद करते हुए उन्होंने कहा:"मेरे पिता लंबे समय से तिब्बत में रहते आए हैं। वे कई वर्षों तक यहां रहे। पिछली शताब्दी के 80 के दशक में उन्होंने तिब्बत में व्यापार शुरू किया था। उस समय मैं अक्सर उनके साथ तिब्बत की यात्रा की थी। पहली बार पोटाला महल देखने के बाद मैं बहुत हैरान था। उस समय मैंने सोचा कि अनेक वर्षों पहले लोगों ने कैसे पोटाला महल का निर्माण किया होगा?विज्ञान और तकनीक के अविकसित होने के बाद भी उन लोगों ने कैसे इनते भव्य महल का निर्माण किया होगा?यहां पहुंचने के बाद मेरे लिए यह सबसे मनमोहक जगह है।"

    पिछले 7 वर्षों में ल्हासा शहर के स्थानीय आम लोगों की जीवन स्थिति और शहर के आधुनिकीकरण के विकास की गति से वांग छिंग को बहुत आश्चर्य होता है। क्योंकि इस समय तिब्बत और ल्हासा बचपन में उनकी यादों से भिन्न है। वांग छिंग ने कहा:"पहले यहां केवल एक छोटा सा गांव था, मैं बहुत छोटा था और यह एक अपेक्षाकृत पिछड़ा गांव था। जोखांग मठ के पास का क्षेत्र शहर था, इसके आस-पास सिर्फ कुछ मकान थे। लेकिन अब ल्हासा शहर में कई इमारतें और दुकानें है, इतनी ज्यादा खाली जगह नहीं है। अगर मैं नेपाल जाकर कुछ महीने रहने के बाद वापस ल्हासा आऊंगा तो यहां पर जरूर नई इमारत और नए रास्ते निर्मित किए गए होंगे। मुझे लगता है कि ल्हासा शहर में आधारभूत संस्थापनों का सुधार सबसे बड़ा बदलाव है।"

    तेजी से विकसित हो रहे अर्थतंत्र से स्थानीय लोगों के जीवन में कई बदलाव आए हैं। लेकिन वांग छिंग की नज़र में शहर की बाहरी स्थिति बदल गई है, लेकिन स्थानीय लोगों के साथ जीवन बिताने का रुख नहीं बदला है। वांग छिंग का कहना है:"यहां के लोगों को अक्सर जीवन और काम के बीच संतुलन मिलता है। जब वो काम करते हैं तो पूरी तरह काम में डूबे रहते हैं और जब वो अपने मित्रों और परिजनों के पास रहते हैं तो बहुत आनंद मनाते हैं। गर्मियों में वे अक्सर बाहर पिकनिक मनाने जाते हैं और संपर्क करते हैं। सर्दियों में लोग अपने मित्रों के साथ बाहर टहलते हैं। मुझे लगता है कि यह उनकी संस्कृति का एक हिस्सा बन गया है। यहां के गरीब और अमीर लोग यहां तक आम लोग जीवन का भरपूर आनंद उठाते हैं।"

    लोगों द्वारा तिब्बत की यात्रा करने का कारण भिन्न भिन्न हैं। कुछ लोगों को यहां के सुन्दर दृश्य पसंद आते हैं और कुछ अन्य लोगों को यहां की संस्कृति। वांग छिंग उनमें से एक हैं।

    वांग छिंग नेपाल में बड़े हुए हैं। अमरीका के विश्वविद्यालय में स्नातक होने के बाद तिब्बत में वे एक उद्यमी बन गए हैं। इसकी चर्चा में उन्होंने कहा:"अनेक लोगों को ल्हासा पसन्द है। कुछ लोग इस शहर के प्रति विशेष भावना से आकर्षित हुए हैं और कई लोगों को लगता है यहां पर स्पर्द्धा अन्य शहरों से बड़ी नहीं है। इसलिए ल्हासा में अनेक अवसर हैं। मैं हमेशा से तिब्बत में कुछ काम करना चाहता था। न केवल मेरे पिता यहां रहते हैं बल्कि तिब्बत के लिये मेरे मन में विशेष भावना है। इसलिए विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद मैंने यहां काम करना शुरू किया।"

    वर्ष 2007 में वांग छिंग ने ल्हासा शहर में कालीन का व्यापार शुरू किया। उन्होंने नेपाल के कालीन को ल्हासा में आयात किया। इस व्यापार के अलावा वांग छिंग अब एक होटल के मालिक भी हैं। होटल में तिब्बत और नेपाल की कलाकृतियों का प्रदर्शन हॉल है। यहां रहने वाले लोग इसमें देख सकते हैं। वांग छिंग ने कहा कि वह चीन और नेपाल के बीच मित्रवत आवाजाही के एक सेतु हैं।

    ल्हासा में घूमने की अनेक जगह है, जिनमें पवित्र मंदिर, सुन्दर प्राकृतिक दृश्य, पुराने भवन शामिल हैं। लेकिन वांग छिंग को बार्खोर सड़क सबसे अधिक पसन्द है। यह तिब्बती लोगों का पवित्र रास्ता है। यहां पर पुराने ल्हासा शहर की परंपरागत स्थिति और रहने के तरीके संरक्षित किए गए हैं। यह ल्हासा का मशहूर व्यापार केंद्र भी है। रोज़ सूबह से शाम तक तिब्बती बौद्ध धर्म के श्रद्धालु जोखांग मठ का चक्र घूमाते हुए पूजा करते हैं। नेपाली युवा वांग छिंग ने कहा:"मैं अक्सर बार्खोर रास्ते पर घूमता हूं। यहां के छोटे मकान बुहत दिलचस्प हैं। वहां पर तिब्बती जाती की विशेषता वाली शिल्पकारी वस्तुएं मिल सकती हैं। मैं भी अक्सर अपने वाहन से बाहर जाता हूं।"

    वांग छिंग की कालीन की दुकान और होटल बार्खोर सड़क के पास हैं। होटल के ऊपर एक छत है। वहां से लोगों को ल्हासा शहर का सुन्दर दृश्य देखने को मिल सकता है। अभी छत का निर्माण समाप्त नहीं हुआ है। लेकिन वांग छिंग का परिचय सुनने के बाद लोग यह स्थिति सोच सकते हैं कि पर्यटक छत पर कॉफी पीकर ल्हासा की सुन्दरता देखते हैं। उन्होंने कहा:"मैंने इस छत को लोगों के आराम करने की एक जगह बनाई है। पोटाला महल की फोंटो खींचने के लिए यह छत एक सबसे अच्छी जगह है। शाम को लोगों को यहां पर चांदनी में पोटाला महल की खूबसूरती दिखाई दे सकती है। यह एक अच्छा अनुभव होगा।"

    हॉटल की छत पर खड़ा होकर लोग नीले आसमान में सफेद बादल देखते हुए दूर के मठों में घंटियों की आवाज़ सुन सकते हैं। चोखान मठ के सामने श्रद्धालु श्रद्धा से पूजा करते हैं। वातावरण बहुत शांत और अमन चैन लगता है। ऐसे सुन्दर दृश्य देखकर लोगों को मालूम है कि क्यों इतने अधिक पर्यटक ल्हासा की यात्रा करते हैं और यहां ठहरते हैं।

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