युरोपीय संघ व पाकिस्तान के बीच प्रथम शिखर सम्मेलन 17 तारीख को ब्रुसेल्स स्थित युरोपीय संघ के मुख्यालय में आयोजित हुआ। दोनों पक्षों ने आतंकवाद पर प्रहार करने और द्विपक्षीय आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने जैसे सवालों पर विचार-विमर्श किया और सहमति प्राप्त की। लोकमत का मानना है कि युरोपीय संघ व पाकिस्तान ने शिखर सम्मेलन की व्यवस्था का इस्तेमाल करके विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग आगे बढ़ाया है और द्विपक्षीय संबंधों के विकास पर सक्रिय व गहरा प्रभाव डाला है।पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी, युरोपीय संघ के वर्तमान अध्यक्ष देश चेक के राष्ट्रपति क्रॉस, युरोपीय संघ के अध्यक्ष बारोजो, युरोपीय संघ की विदेश व सुरक्षा नीति की जिम्मेदार वरिष्ठ प्रतिनिधि सोलाना आदि ने सम्मेलन में भाग लिया। शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में युरोपीय संघ व पाकिस्तान ने माना कि आतंकवाद व उग्रवाद दुनिया की शांति व सुरक्षा के प्रति गंभीर धमकी है। दोनों ने यह बात दोहरायी कि वे संयुक्त राष्ट्र संघ के ढांचे और द्विपक्षीय व्यवस्था के आपसी सहयोग में आतंकवाद पर प्रहार करेंगे। दोनों ने पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी कार्यवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन देने की महत्ता पर भी जोर दिया। दोनों ने कहा कि बड़े पैमाने वाले विध्वंसक हथियारों तथा नाभिकीय हथियारों के प्रसार को रोकने के काम में दोनों के समान हित हैं। दोनों पक्षों ने युरोपीय संघ व पाकिस्तान द्वारा सैन्य हथियारों के नियंत्रण तथा नाभिकीय हथियारों के अप्रसार आदि क्षेत्रों में नियमित सलाह मश्विरा की व्यवस्था भी निश्चित की। क्षेत्रीय परिस्थिति की चर्चा में दोनों ने इस बात को मंजूरी दी कि वे अफगानिस्तान तथा आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा व स्थिरता की महत्ता की रक्षा करेंगे और आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग को मजबूत करेंगे।आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को गहरा करना भी वर्तमान शिखर सम्मेलन के विचारार्थ मुख्य सवाल है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति श्री जरदारी ने कहा कि सहायता को स्वीकार करने की तुलना में पाकिस्तान युरोपीय संघ के साथ व्यापारिक आवाजाही का विस्तार करना चाहता है। हाल में युरोपीय संघ पाकिस्तान का प्रथम बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों के बीच व्यापार रक्म 7 अरब युरो को पार कर गई है। संयुक्त वक्तव्य में दोनों ने यह वचन दिया कि वे माल व सेवा व्यापार की स्वतंत्रता को साकार करने की कोशिश करेंगे, द्विपक्षीय स्वतंत्र व्यापार समझौते की वार्ता की शुरुआत करने की संभावना पर भी विचार-विमर्श करेंगे। युरोपीय संघ व पाकिस्तान ने इस वर्ष के अप्रैल माह में जापान में आयोजित पाकिस्तान को सहायता देने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्राप्त उपलब्धियों की प्रशंसा की और एक स्वर में चंदा देने वाले देशों से अपने वचनों का यथाशीघ्र पालन करने की अपील भी की। पाकिस्तान में मौजूद गंभीर शरणार्थियों की समस्या की चर्चा में युरोपीय आयोग के अध्यक्ष बारोजो ने सम्मेलन के बाद आयोजित एक न्यूज ब्रीफिंग में घोषणा की कि युरोपीय संघ पाकिस्तान को 12 करोड़ 40 लाख युरो की सहायता देगा, जिस में से 7 करोड़ 20 लाख युरो मानवतावादी मकसद में इस्तेमाल किये जाएंगे।युरोपीय संघ व पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का इरादा वर्ष 2004 में शुरु हुआ। उस समय दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित सहयोग समझौते का मुख्य मकसद पाकिस्तान में गरीबी को कम करना था। अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी परिस्थिति में हुए परिवर्तन और विश्व वित्तीय संकट के कदम ब कदम फैलने के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ संबंधों को गहरा करना धीरे-धीरे युरोपीय संघ की एशिया की विदेशी रणनीति का महत्वपूर्ण विषय बन गया है। गत दिसम्बर माह में आयोजित युरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में आशा प्रकट की गयी थी कि वर्ष 2009 में युरोपीय संघ व पाकिस्तान का शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। उस समय युरोपीय संघ के वर्तमान अध्यक्ष देश फ्रांस के विदेश मंत्री कोछनर ने कहा था कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया का महत्वपूर्ण देश है। पाकिस्तान को हालिया चुनौती का सामना करने में मदद देना युरोपीय संघ का अनिवार्य मिशन है। युरोपीय आयोग के अध्यक्ष बारोसो ने 17 तारीख को सम्मेलन के आयोजन से पहले कहा कि वर्तमान शिखर सम्मेलन से यह जाहिर हुआ है कि युरोपीय संघ व पाकिस्तान के संबंध एक नयी ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि युरोपीय संघ पाकिस्तान द्वारा तालिबान सशस्त्र शक्तियों पर प्रहार करने के लिए किये गये प्रयास का स्वागत करता है। युरोपीय संघ आतंकवाद पर प्रहार करने और आर्थिक संकट का निपटारा करने के लिए पाकिस्तान को मदद देता रहेगा।युरोपीय संघ की विदेश व सुरक्षा नीति के जिम्मेदार वरिष्ठ प्रतिनिधि श्री सोलाना ने 17 तारीख को पाकिस्तान के अखबार डॉन में एक लेख जारी करके कहा कि वर्तमान युरोपीय संघ व पाकिस्तान का शिखर सम्मेलन दोनों के रणनीतिक संबंधों के विकास में हुए परिवर्तन का द्योतक है। आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ, आर्थिक स्थिरता व विकास के लिए पाकिस्तान को मदद देना बुनियादी तौर पर गरीबी व मुठभेड़ का समाधान करने का कारगर तरीका है। उन्होंने कहा कि युरोपीय संघ व पाकिस्तान के बीच सहयोग दीर्घकालीन होगा, जो दोनों पक्षों के समान रणनीतिक कल्याण से मेल खाता है।