दरअसल ,वह अभी अभी एक सपने से बाहर निकली थी , जिस में उस ने खुद को समुद्र में मस्ती से तैरते देखा था । पर अचानक तैरते तैरते उसे कुछ दूर एक विशाल शार्क मछली दिखाई दी और डर के मारे उस की सपना टूट गया ।
उस ने अपनी मां को अपना सपना सुनाया और पूछाः मम्मी , क्या सचमुच समुद्री घाट में शार्क मछली रहती है.
मां ने जवाब दियाः समुद्र में लोगों के लिए जहां तैरने की जगह बनायी गई है , उसे चारों ओर से शार्क से दूर रखने के लिए एक बाड़ा बनाया गया है ।
इसलिए शार्क उस जगह घुस नहीं सकती । लेकिन शार्क चीजों को सूंघने में बड़ी तेज है । मां ने कहा , और मानव की रक्त की जरा सी गंध पाते ही उस की ओर लपकने लगती है ।
अगर तैरते आदमी को कोई घाव हो जाए और उस से रक्त निकलने लगे ,तो बहुत संभव है कि शार्क उस की ओर खिंची चली आए , इसलिए समुद्र में उतरने से पहले जरूर यह सावधानी रहे कि हाथ पांव पर कोई खरोंच या जरक न हो ।
मां ने हिदायत दी ।
लीली बोलीः पर मेरे हाथ पांव में तो कही कोई खरोंचा नहीं है ,फिर भी शार्क मेरा पीछा क्यों कर रही थी ।
तुम बड़ी भोली हो , बिटिया , वह तो सपना था , कोई सच थोड़े ही था । मां ने मुस्कराई ।
पर सुबह मां बहुत व्यस्त थी , इलसिए दोपहरबाद ही लीली उन के साथ समुद्री तट पर पहुंच पाई ।
समुद्र-तट पहुंच कर मां -बेटी ने तैराकी की पोशाक पहनी ,तो सुनहरी रेत पर दौड़ती हुई लीली समुद्र में कूदने को इतनी उतावली हो उठी कि मां को उसे टोकना पड़ा ।
बिटिया , तुम्हारे चेहरे से पसीना चू रहा है , ऐसे में पानी में कूदना बहुत खतरनाक है ।
क्यों , क्या शार्क अपनी तेज आंखों से पसीना भी देख सकती है , लीली को शक हुआ ।
फिर बेसिर -पैर की बात । अब तक शार्क का डर नहीं गया । यहां कहां इतनी शार्क मछली आ गई । मां ने मीठी डपट देते हुए लीली के माथे से बहता पसीना पोछ डाला ।
शार्क नहीं , तो और बात क्या है , फिर आप मुझे समुद्र में नहीं जाने देती । लीली ने पूछा ।
मां ने समझायाः थोड़ा सोचो , आज कितनी गर्मी है , पर समुद्र का पानी बहुत ठंडा है , पसीना बहते शरीर के साथ अगर समुद्र के पानी में कूद पड़े , तो शरीर एकाएक ठंड लग सकता है ।
ठंड लगने पर हम बीमार पड़ सकते है न , मम्मी । लीली ने कहा ।
बिलकुल ठीक है , मां बोली , तैरने से पहले थोड़ा व्यायाम करन चाहिए , वरना शरीर की मांस -पेशी को एकाएक झरना लग सकता है , ऐंठन आ सकती है और तैरते समय पिंडल में ऐंठन आना बहुत खतरनाक है ।