आम तौर पर जब चेर्री फूल की चर्चा की जाती है , तो स्वभावतः जापान की याद आती है । कारण है कि विश्व में जापान के चर्री फूल बहुत विख्यात हैं । पर वास्तव में चेर्री पेड़ों की उगाई प्राचीन चीन में शुरु हुई है । चेर्री का शब्द आज से कोई हजार वर्ष से पहले पूर्व थांग राजवंश के प्रसिद्ध कवि ली शांग इन की एक कविता में पढ़ने को मिल गया है । पुराने जमाने की मशहूर सांस्कृतिक हस्तियां अपनी कविताओं में चेर्री का उल्लेख कर मनोभावनाओं का वर्णन करती थीं ।
जैसा कि पहले हम ने आप को बता दिया है कि हर मार्च में चीन के सब से सुंदर विश्वविद्यालय के नाम से विख्यात ऊ हान विश्वविद्यालय में वसंत के पदचिन्ह पूरे एक साल की गहरी नींद में पड़ने वाले चेर्री को सुला देते हैं । विश्वविद्यालय के पूरे कम्पस में एक हजार से अधिक चेर्री पेड़ों पर खिले हुए चेर्री होड सी लगाते दिखायी देते हैं , जिस से शांतिमय विश्वविद्यालय के कम्पस में एकदम धूम मच जाती है ।
इतना ही नहीं , ऊ हान विश्वविद्यालय के बगल में स्थित पूर्वी झील चेर्री बागान भी बहुत चर्चित है । हर वर्ष के वसंत में चेर्री उत्सव के आयोजन के साथ साथ विविधतापूर्ण सांस्कृतिक गतिविधियां और चेर्री बागान के चेर्री व मनोहर प्राकृतिक दृश्य की चित्र प्रदर्शनियां भी लगायी जाती हैं । ऐसे मौके पर बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया जाता है । ऊ हान ज्ञान विज्ञान विश्वविद्यालय के वांग छुन ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मौसम बहुत सुहावना है , आम दिनों में ज्यादा समय पढ़ने में लग जाता है , बाहर जाने का समय बहुत कम मिलता है । आज का मौसम बहुत सुहावना है , बाहर घूमने से एकदम तरोताजा लगता है ।
ऊ हान शहर के हुंग शान डिस्ट्रिक्ट के बुजुर्ग विश्वविद्यालय की लू ह्वी फांग अपने बुजुर्ग साथियों के साथ फोटो खिंचने में व्यस्त हैं । उन्हों ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि हर वक्त , हर दिन निश्चिंत रूप से व्यतीत किया जाता है , खिले हुए चेर्री रोमांटिक जरूर हैं ही , पर हमारा जीवन अत्यंत रोमांटिक भी है ।
ऊ हान शहर के पूर्वी झील चेर्री बागान का क्षेत्रफल कोई दस हैक्टर विशाल है और कुल पांच हजार से अधित चेर्री पेड़ उगे हुए हैं । उल्लेखनीय है कि इस बागान में प्रथम खेप के चेर्री पेड़ जापान के पूर्व प्रधान मंत्री तानाका काकोई ने स्वर्गीय चीनी प्रधान मंत्री चओ एन लाई की श्रीमती तंग इंग छाओ को भेंट किये थे , फिर श्रीमती तंग इंग छाओ ने इन पेड़ों को पूर्वी झील चेर्री बागान को उगाने दिया । अब इस चेर्री बागान के अधिकतर चेर्री पेड़ चीन व जापान ने 1998 में संयुक्त पूंजी लगाकर उगवा दिये । पूर्वी झील चेर्री बागान विस्तृत होकर जापान के आओमोरी कांऊटी के जापानी फ्लोवरिंग चेर्री बागान और अमरीका के वाशिंगटन को विश्व की तीन बड़ी चेर्री राजधानियां मानी जाती हैं ।
पूर्वी झील चेर्री बागान में 78 चेर्री मंडप नामक क्षेत्र में 78 जापानी फ्लावरिंग चेर्री पेड़ लगाये गये हैं , ये 78 पेड़ 1978 में चीन जापान मैत्री संधि के हस्ताक्षरण की स्मृति में जब स्वर्गीय प्रधान मंत्री चओ एन लाई की श्रीमती तंग इंग छाओ जापान की यात्रा पर गयीं , तो जापान के पूर्व प्रधान मंत्री तानाका काकोई ने स्वर्गीय प्रधान मंत्री चओ एन लाई द्वारा विश्व शांति की रक्षा करने और चीन जापान मैत्री को बढाने में किये गये योगदानों की प्रशंसा में उक्त चेर्री पेड़ भेंट किये थे । 78 का अर्थ है 1979 में स्वर्गीय प्रधान मंत्री चओ एन लाई के 78 वें जन्म दिवस और 1978 में चीन व जापान के बीच सामान्य राजनयिक संबंध की स्थापना की स्मृति ही है । इन ही 78 चेर्री पेड़ों ने पूर्वी झील चेर्री बागान को प्रारम्भिक रूप दिया है ।
पूर्वी झील चेर्री बागान के प्रधान वांग छिंग ह्वा ने इस का परिचय देते हुए कहा कि अब पूर्वी झील चेर्री उत्सव ऊ हान शहर के पर्यटन कार्य का एक मार्क बन गया है ।
हमारे चेर्री बागान में अब करीब 60 से ज्यादा किस्में उपलब्ध हैं और ये सभी किस्में जापान से आयातित हुई हैं । हर सप्ताहांत के दिन आम तौर पर तीस हजार पर्यटक आते हैं और यह संख्या साल ब साल बढ़ती जा रही है , विशेषकर चीन में स्थापित कारोबार हर वर्ष अपने कर्मचारियों को संगठित कर घूमने हमारे बागान आते हैं ।