ता च्वे मंदिर की स्थापना ईस्वी 1068 के ल्याओ राजवंश काल में की गयी थी और वह आज से कोई हजार वर्ष पुराना हो गया है । मंदिर में स्वच्छ चश्मे की वजह से वह स्वच्छ पानी प्रागण के नाम से भी जाना जाता है । मंदिर में ल्याओ राजवंस के शिला लेख , मिंग राजवंश के भवन निर्माण और छिंग राजवंश की लिपियां वगैरह हर जगह पर देखने को मितली हैं । ता च्वे मंदिर में हरेक पेड़ व घास इसी तरह नजर आता है कि मानो लम्बे इतिहास ने उन में आत्मा का संचार किया हो , जिन में कोई तीन सौ 50 वर्ष पुराना फूल पेड़ सब से चर्चित है । ता च्वे मंदिर के प्रबंधन कार्यालय की प्रधान सुश्री सुन रुंग फ़ेन ने इस का परिचय देते हुए कहा कि अब मागनोलिया फूल खिलने का मौसम है , ऐसे मौके पर हम मागनोलिया फूल उत्वस का आयोजन करते हैं । इसी बीच हम ने चित्र प्रदर्शनी भी लगायी है , पर्यटक यहां पर प्रदर्शनी देखने के साथ साथ खिले हुए फूलों का लुत्फ व चाय की चुस्की लेते ही नहीं , बल्कि आराम से बौद्ध धार्मिक संगीत भी सुन सकते हैं ।
दोस्तो , जैसा कि आप जानते हैं कि सुहावना वसंत में रंगबिरंगे फूलों का बहार है और पूरी सर्दियों से परेशान लोग ऐसे सुहावना मौसम में हरियाली व खिले हुए फूल देखने बाहर घूमना ज्यादा पसंद करते हैं । चीन की राजधानी पेइचिंग के पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्र में स्थित पुराने ता च्वे मंदिर यू लान मागनोलिया फूलों का लुत्फ लेने का सब से बढ़िया स्थल माना जाता है । क्योंकि इस मंदिर में वसंत में मागनोलिया फूल उत्सव मनाने की पुरानी परम्परा बरकरार रही है , इसलिये वसंत के आगमन के अवसर पर बड़ी तादाद में पर्यटक अपने रिश्तेदारों या दोस्तों के साथ यू लान मागनोलिया फूल देखने जरूर ता च्वे मंदिर जाते हैं । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को यू लान मागनोलिया फूलों का आनन्द उठाने के लिये इसी ता च्वे मंदिर ले चलते हैं ।
कार से पेइचिंग के पश्चिम उपनगर स्थित विश्वविख्यात समर पेलेस से निकलकर दसेक मिनट में ही पेइचिंग के पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्र के ता च्वे मंदिर पहुंच सकता है ।
ता च्वे मंदिर की स्थापना ईस्वी 1068 के ल्याओ राजवंश काल में की गयी थी और वह आज से कोई हजार वर्ष पुराना हो गया है । मंदिर में स्वच्छ चश्मे की वजह से वह स्वच्छ पानी प्रागण के नाम से भी जाना जाता है । मंदिर में ल्याओ राजवंस के शिला लेख , मिंग राजवंश के भवन निर्माण और छिंग राजवंश की लिपियां वगैरह हर जगह पर देखने को मितली हैं । ता च्वे मंदिर में हरेक पेड़ व घास इसी तरह नजर आता है कि मानो लम्बे इतिहास ने उन में आत्मा का संचार किया हो , जिन में कोई तीन सौ 50 वर्ष पुराना फूल पेड़ सब से चर्चित है । ता च्वे मंदिर के प्रबंधन कार्यालय की प्रधान सुश्री सुन रुंग फ़ेन ने इस का परिचय देते हुए कहा कि अब मागनोलिया फूल खिलने का मौसम है , ऐसे मौके पर हम मागनोलिया फूल उत्वस का आयोजन करते हैं । इसी बीच हम ने चित्र प्रदर्शनी भी लगायी है , पर्यटक यहां पर प्रदर्शनी देखने के साथ साथ खिले हुए फूलों का लुत्फ व चाय की चुस्की लेते ही नहीं , बल्कि आराम से बौद्ध धार्मिक संगीत भी सुन सकते हैं ।
मागनोलिया फूल ता च्वे मंदिर की विशेष पहचान है और ता च्वे मंदिर के प्रतीकों में से एक भी है । इसीलिये ता च्वे मंदिर में आयोजित मागनोलिया फूल सांस्कृतिक उत्सव पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बन गया है । यू लान मागनोलिया फूल पेइचिंग शहर के बहुत से क्षेत्रों में देखने को आसानी से मिलते हैं , पर ता च्वे मंदिर का फूल सांस्कृतिक उत्सव इतना लोकप्रिय क्यों है । ता च्वे मंदिर के प्रबंधन कमेटी के व्यवसाय विभाग की प्रधान सुश्री श्वान ली फिन ने कहा कि उन्हों ने एक प्राचीन यू लान मागनोलिया फूल पेड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह पेड़ आज से कोई तीन सौ से अधिक वर्ष पुराना है और वह पेइचिंग शहर में सब से पुराना सफेद मागनोलिया फूल पेड़ माना जाता है , इसलिये यह प्राचीन पेड़ ता च्वे मंदिर के निचोड़ का परिचायक है । हर वर्ष में पांच अप्रैल के आसपास उस के फूल खिल जाते हैं । क्योंकि यह पेड़ बहुत पुराना है , इसलिये उस के फूल भी बहुत बड़े हैं , खिले हुए फूल हथेली जितने बड़े है , देखने में बहुत खूबसूरत हैं ।
पर्यटक ता च्वे मंदिर में खुशबूदार यू लान मागनोलिया फूलों का लुत्फ लेने के अतिरिक्त जंगल में खड़े एक मिंग हुई चाय घर भी जा सकते हैं । यह मिंग हुई चाय घर एक कल कल कर आगे बहने वाली नदी के किनारे पर स्थित है , चारो तरफ पेड़ ही पेड़ उगे हुए हैं , वातावरण एकदम शांत है ।