आप सभी को मेरा सविनय अभिवादन। मुझे बड़ी खुशी है कि इस सुहावने मौसम में हम यहां इकट्ठे हो करके एक साथ सी आर आई की हिन्दी सेवा की स्थापना की 50 जयंती मना रहे हैं। सर्वप्रथम मैं हिन्दी विभाग की ओर से आप सब लोगों के यहां आने पर तहे दिल से स्वागत करती हूं।
हिन्दी प्रसारण की 50वीं जयंती के अवसर पर श्रोताओं ने विभिन्न तरीकों से बधाई दी है। भारत के उत्तर प्रदेश के श्रोता ने फोन करके कहा कि बचपन से ही मैं अपने पापा के साथ आप का रेडियो सुन रहा हूं। पिछले 20 वर्षों में मैंने रेडियो सुनना कभी बंद नहीं किया । सी आर आई का हिंदी सेवा प्रसारण सुनना मेरे जीवन का एक भाग बन गया है। मैं हार्दिक बधाई देना चाहता हूं कि आप का प्रसारण और अच्छा हो। भारतीय नेटीजन ने ई-मेल भेजकर कहा है कि एक बार आप की वेबसाईट पर क्लिक करके मेरा सी आर आई के हिन्दी विभाग के साथ अटूट संपर्क बन गया है। रोज आप की वेबसाइट पर जाना और पढ़ना मेरे लिए एक बड़ी आरामदेह बात बन गया है। आप की वेबसाइट से मेरा दृष्टिकोण और विस्तृत हुआ है और मेरा जीवन और सार्थक बन गया है। आप लोगों के प्रति मैं आभार प्रकट करना चाहता हूं।
अब आइये, हम एक साथ सी आर आई की हिन्दी सेवा के 50 वर्षों की विकास प्रक्रिया का सिंहावलोकन करें।