2008-12-25 09:59:02

अफ्रीका को भेजा चीनी चिकित्सा दल

1963 में चीन ने अफ्रीकी देशों को भेजे पहले चिकित्सा दल के बाद से आज तक पूरे 45 साल हो चुके हैं। पिछले बीते 45 सालों में चीन के 20 हजार से अधिक चिकित्साकर्ताओं ने अफ्रीका में बिना किसी मांगी शर्त से वहां के देशों के लिए अपना पूर्ण योगदान किया है और उन्हे अफ्रीकी देशों की सरकारों व जनता का पूरा विश्वास व भारी सम्मान मिला है। कुछ समय पहले उत्तर पूर्वी चीन के हुएलुंगच्यांग प्रांत ने 27 वां चिकित्सा दल मेरूतोनीया को भेजा और वहां दो साल तक अपना योगदान करने के बाद उक्त चिकित्सा दल अपना मिशन पूरा कर लेने के बाद खुशी खुशी घर लौट आया हैं। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को इस चीनी चिकित्सा दल द्वारा अफ्रीका में किए अपने योगदान पर कुछ जानकारी देगें।

अफ्रीकी चिकित्सा दल के नेता ली वए आन उत्तर पूर्वी चीन के एक हट्टे कट्टे पुरूष है, उन्होने मुस्कराते हुए अपने दल के अफ्रीका के चिकित्सा कार्य का व्याख्या करते हुए हमें बताया, हालांकि वहां की स्थिति बहुत ही बुरी थी, तो भी उन्होने इस बार की अफ्रीकी यात्रा की चर्चा करते हुए विश्वास भरे स्वर में कहा सूखे मौसम में हमारे कमरों में एयर कन्डीशन होने पर भी तापमान 35 सेल्सियज तक रहता है, साफ आकाश के दिनों की गर्मी के मौसम में तापमान आम तौर पर 45 से 50 डिग्री सेल्सियज तक कायम रहता है, यह वहां एक सामान्य तापमान होता है, एक बार हमने सबसे ऊंचे तापमान के समय तापमान मापने की कोशिश की, पर मौसम इतना गर्म था कि हमारा थर्मामीटर तापमान तो बता नहीं पाया उल्टा खराब हो गया, अनुमान है कि उस समय का तापमान लगभग 70 डिग्री सेन्सीयज से कम नहीं होगा ।

अफ्रीका की गर्मी चिकित्सा दल के लिए के एक भारी चुनौति है। श्री ली वए आन ने कहा कि मोरूतानीया के सूखे व दम घोंट मौसम के मुकाबले उनके घर की गर्मी एकदम स्वर्ग जैसी होती है। मोरूतोनीया में हर दिन बाहर काम करने की सबसे ठंडी जगह उनका अपना शरीर ही होता है। उन्होने हमें बताया पसीना बहुत ज्यादा निकलने की वजह से हमारे देश ने हमारे चिकित्सा दल के लिए एक अतिरिक्त मकान बनाया , जिस में नहाने की सुविधा उपलब्द्ध है। पानी अस्पताल की पाइप लाइन से खींच कर मकान के उपर रखे एक बड़े डिब्बे में भर कर रखा जाता है। दोपहर की कड़ी गर्मी में बाहर रखा इस पानी के डिब्बे में पानी का तापमान बाहर की तरह होता है, इसे बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया जा सकता । इतने गर्म पानी से स्नान करें तो भला कौन इसे सह सकता है। सूखे मौसम में कभी तो एक बूंद का पानी भी देखने को नहीं मिलता ।

हालांकि इतने खराब मौसम पर भी चीनी चिकित्सा दल ने दो साल अफ्रीका में रहने की जीवन शक्ति प्राप्त कर ली , लेकिन अफ्रीका के प्रारम्भिक दिनों की यादे सभी दल के चिकित्साकर्ताओं के दिन में अब भी ताजा बनी हुई है। जुलाई के 2006 में दसेक घन्टो की उड़ान के बाद, चिकित्सा दल आखिर मोरूतोनीया की राजधानी नोवाखशोत पहुंचा । इस के बाद 700 किलोमीटर के रेतीली मार्गों की लम्बी यात्रा के बाद, हम आखिरकार अपने गंतव्य स्थल सेलीबेबी शहर पहुंचे। रात के खाने के बाद वहां के पहले जत्थे के चिकित्सा दल से विदाई लेने के बाद, दूसरे दिन की सुबह से चिकित्सा दल ने अपना कार्य शुरू कर दिया।

चिकित्सा दल का कार्य स्थल सेलीबेबी अस्पताल चीन की मदद द्वारा निर्मित एक अस्पताल है, वह आसपास के एक लाख लोगों को चिकित्सा सेवा प्रदान करता है। उस समय मोरूतानीया की तरफ से केवल एक डाक्टर को चिकित्सा कार्य करने का लाइसेन्स हासिल था और केवल कुछ नर्स केवल सरल काम करने में समर्थ ही थी। बाकी सभी काम चीन द्वारा भेजे चिकित्सा दल संभालते थे। चिकित्सा दल के मरीजों को देखने का कोई निश्चित समय नहीं है, 24 घन्टों में उपचार सेवा कार्य जारी रहता है। चिकित्सा दल की चिकित्सका सुश्री चांग ली सिन ने हमें जानकारी देते हुए कहा हमारे अस्पताल के अन्दर कई कुत्ते हैं, रात को कुत्ते भौंकते हैं तो हमें मालूम हो जाता है कि कोई एमर्जन्सी चिकित्सा कार्य आने वाला है। और तो और मरीजों के साथ संपर्क करना भी बड़ा मुश्किल होता है, इस देश में चार जातियां हैं, मरीज अपनी अपनी जातियों की बोली बोलते हैं, नर्सें फ्रांस बोल सकती है, और वह वहां की जातीय भाषा भी समझ सकती है, नर्स अपनी जातीय भाषा को फ्रांस में अनुवाद कर हमारे और मरीजों के बीच संपर्क करती है। कभी कभी तो हम शारीरिक भाषा से एक दूसरे को समझातें हैं, थोड़ी बहुत फ्रांस भाषा व हमारे चिकित्सकों के प्रचुर क्लीनीक अनुभवों के सहारे, हम मरीजों के इलाज में अब तक सफल रहे हैं।

उधर सेलीबेबी शहर का जीवन भी काफी कठिन है, पूरे शहर की यातायात असुविधाजनक है, जरूरी वस्तुओं की भारी कमी है। चिकित्सा दल के सात सदस्य तीन दलों में बांटे गए हैं, हर महीने एक दल 700 किलोमीटर दूर राजधानी नोवाखशोत में जा कर एक महीने के चावल, मैदा, वनस्पती तेल व अंडे जैसी जीवन की रोजमर्रा की चीजें खरीदने जाता हैं। यदि बरसात का मौसम रहा तो कई महीनों में एक ही बार जा सकते हैं। चिकित्सा दल के सदस्यों को रोजना तीन समय का भोजन चावल, मैदा व नमकीन सब्जियों से गुजारा करना पड़ता है। जीवन को सुधारने के लिए चिकित्सा दल स्वदेश से कुछ सब्जियों के बीज अपने साथ लाते हैं और वहां खुद उगाते हैं, इस तरह हम अपनी मेहनत से कुछ किस्म की सब्जियों का आन्नद उठा सकते हैं, जिस से हमें बड़ी खुशी महसूस होती है। हालांकि दिल भर के तो खा नहीं सकते तो भी हम अपनी उगायी सब्जियों से दिल की तमन्ना पूरी कर लेते हैं। श्री ली वए आन ने कहा सैलरी सब्जी तीन महीनों में बड़ी होती है, विशेषकर चीनी वसंत त्यौहार में हम इस सैलरी सब्जी से मीट डम्पलिंग बनाते हैं। कुछ चीनी सब्जियां तो वहां के इतने गर्म मौसम में जल कर मर जाती हैं।

मोरूतानीया विश्व में मलेरीया पाए जाने वाला सबसे अधिक देश है, सेलीबेबी शहर मलेरीया का एक गंभीर स्थल है। दो साल के कठोर जीवन स्थिति में हमारे दो चिकित्सक मलेरीया के शिकार हुए थे। श्री ली वए आन ने इस की चर्चा करते हुए कहा यहां मच्छर 365 दिनों में जीवित रहते हैं और इन मच्छरों में मलेरीया फैलाने का खतरा साल भर बना रहता है, मक्खियां भी 365 दिनों में जहां तहां बिना भय के लोगों पर चिपकती रहती है। कहा जाए तो हमारे बहुत से चिकित्साकर्ताए मलेरीया के शिकार रहे हैं।

शारीरिक बिमारी इतनी गंभीर नहीं जितनी घर की याद लोगों को सताती है, सभी चिकित्सकर्ताएं अपने घरों की यादों पर कभी कभी बड़ा दुख महसूस करते हैं। ली वए आन ने कहा पहले पहले जब हम वहां पहुंचे थे तो हमारे यहां केवल एक टेलीफोन, एक कम्पयूटर ही था, चिट्ठी तीन महीनों में घर पहुंचती है। टेलीफोन सरकारी काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है, हमारे साथी स्वेच्छा से निजी कार्यों के लिए टेलीफोन का प्रयोग नहीं करते। केवल एक कम्पयूटर के सहारे हम वेबसाइट कार्ड के जरिए घर के लोगों से मुश्किल से सीधे बातचीत कर पा सकते हैं।

दो साल के समय में चिकित्सा दल ने कुल 800 आपरेशन करने में सफलता प्राप्त की। चिकित्सा दल के सदिच्छा व उनकी उपचार तकनीक व माहिरता ने सेलीबेबी शहर के लोगों के मन को जीत लिया है और उन्हे बड़ी प्रतिष्ठा हासिल हुई है। चिकित्सा दल के कुछ चिकित्सकों के बेहतरीन कार्यों की प्रशंसा करने के लिए मोरूतोनीया के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री ने अलग अलग तौर से उन्हे माननीय पदक से सम्मानित किया, यह मोरूतोनीया की राष्ट्रीय स्तरीय सर्वोच्च माननीय प्रतिष्ठा मानी जाती है, और यह हएलुंगच्यांग चिकित्सा दल को प्रदत्त पिछले 40 सालों में हासिल पहला सर्वोच्च पुरूस्कार है।