अभी आप ने जो मधुर संगीत सुना है वह शेडोबाक्सिंग कसरत का पृष्ठसंगीत है, शेडोबाक्सिंग इस संगीत की तरह एक कोमल और धीमा व्यायाम है, वह चीन का प्राचीन बाक्सिंग कला कहलायी जाती है। उसकी कसरत के एक एक चलन में मजबूती और कोमलता दोनों मिली हुई है, उसमें भारी शक्ति भरी हुई हैं। शेडोबाक्सिंग अपने को बचाने और प्रहार करने के साथ ,वह एक हल्की व धीमी तरीके वाला व्यायाम भी है जिस में सांस बड़ी स्वाभाविकता से ली जाती है, इस व्यायाम के दौरान सिर्फ ध्यान को दूर नहीं करना है, जबकि इस में ज्यादा जोर लगाने की जरूरत नहीं है, वह एक विचार, सांस व बदन हिलने से घनिष्ठ रूप से जुड़ा व्यायाम तरीका है, चीनी परम्परागत की दृष्टि से वह रक्त का वितरण करने व सांस में नयी जान देना वाला व्यायाम है।
सुश्री चांग चू फन एक 56 वर्षीय औरत है, वह अभी अभी रिटायार्ड हुई है, पिछले दसेकों सालों के व्यस्त कार्य व जीवन के दौर में उन्हे कई पुरानी बिमारियों से उलझना पड़ता रहा है, विशेषकर नींद न आना उनके रिटायार्ड के बाद पूरी तरह आराम नहीं कर सकने वाली एक गंभीर बाधा बन गयी है। रात को सो न पा सकने के कारण , दिन को वह बड़ी थकान महसूस करती है, अपनी बेटी के कहने पर वह रोजाना पार्क में जाकर शेडोबाक्सिंग करने लगी है, केवल छै महीनों के कम समय में सुश्री चांग चू फन के सोए न जाने की बिमारी में बड़ी तरक्की हुई है। उन्होने हमें बताया मैं पहले सोए न जाने पर बड़ी दुखी थी, मैंने अनेक चीनी औषधि ली हैं, यहां तक कि अनेक तरह के उपकरण भी खरीदें है, लेकिन मैं जैसी थी वैसी ही रही हूं । अब मैं रिटायर्ड हो चुकीं हूं, सुबह उठते ही मैं पार्क में शेडोबाक्सिंग करती हूं, शुरू शुरू में कमर और पीठ में दर्द होने लगा, लेकिन कुछ समय के बाद, मुझे शरीर में हल्कापन व शान्ति महसूस होने लगी, मेरी हडिडयों का दर्द भी दूर होने लगा।
हालांकि पुरानी बिमारी में कुछ परिवर्तन आया है, लेकिन सुश्री चांग के दिल में हमेशा से एक शंका बनी रही है, धीमी कसरत ने किस तरह उसकी बिमारी का इलाज किया है। शेडोबाक्सिंग के गुरू पो संग येन इस परम्परा के धारक है, उनका नाम चीन में लोगों की जुबान पर है, चीनी परम्परा चिकित्सा का मानना है कि आदमी एक पूर्ण व्यवस्था से बना मानव है, वे रक्त नालियों की सुगमता से चलता फिरता है, जो पूरे शरीर के हरेक व्यवस्था को जान देती है और पूरे शरीर को सुव्यवस्थित रूप से जोड़ती है। जबकि शेडोबाक्सिंग अभ्यास तरीका शरीर की बाधित रक्त नालियों को खोलने व सुधारने में मदद करता है।
चीनी चिकित्सकों का मानना है कि मानव के शरीर की रक्त नालियां में गड़बड़ी व भीतरी शरीर के अंगो में रक्त के अभाव से बिमारी पैदा होती है। शेडोबाक्सिंग पूरे शरीर को हल्का करने व हल्के शारीरिक अभ्यास से पूरे बदन को गर्म करती है और शरीर के रक्त रफतार को बढ़ाती है व उसे मजबूत बनाती है, जो पूरे शरीर के रक्त वितरण के लिए मददगार होती है, इस तरह लोग अपने शरीर के सभी अंगो की रक्षा कर बाहरी बिमारियों से बचने में मदद देती है और शारीरिक शक्ति बढ़ाती है। गुरू पो संग येन इस साल 80 साल उम्र के हैं, उनका शरीर अब तक मजबूत है, उनका कहना है कि शेडोबाक्सिंग शरीर के बाहर व भीतर दोनों को जोड़कर की जाने वाली एक किस्म की कसरत है।उन्होने कहा शेडोबाक्सिंग एक तीव्र कसरत नहीं है, वह धीमी रफतार से पुरानी बिमारी, घुटनों के दर्द, उच्च रक्त चाप खासकर पेट बिमारी के लिए बेहद अच्छी है। शरीर के अन्दर व बाहर के हिलने , लेकिन धीमी रफतार से हिलने से शरीर के सभी मुख्य अंगो को एक तरह की मालिश मिलती है।
पेइचिंग ओलम्पिक के शेडोबाक्सिंग प्रदर्शन के निर्देशक, शेडोबाक्सिंग के माहिर व्यक्ति छुए चुंग सान ने जानकारी देते हुए कहा कि शेडोबाक्सिंग चीनी मार्शल आर्ट यानी उसू में सबसे सर्वोच्च स्तरीय बाक्सिंग मानी जाती है, उसकी मुख्य खूबी शारीरिक को मजबूत करना, मन को तसल्ली देना और सांस व भावना की नयी शक्ति को उजागर करना है, इसे हम एक तरह पोषणाहार भी कहते हैं। उन्होने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा शेडोबाक्सिंग के अभ्यास के जरिए, एक आदमी को मन की शान्ति में बड़ी प्रेरणा मिलती है, विशेषकर आजकल के तेज रफतार जीवन की स्थिति में हरेक व्यक्ति पर दबाव कम नहीं है, खासकर नौजवान लोगों के उपर, इस दबाव व तनावपूर्ण स्थिति में किस तरह का व्यायाम लोगों के मन को शान्ति दे सकता है और अपने मनोभावना को संतुलन कर सकता है। अन्य किसी तरह के कसरत शेडोबाक्सिंग की बराबरी नहीं कर सकते हैं।
श्री छुए चुंग सान का मानना है कि वर्तमान जीवन में लोगों पर दबाव अधिक होता जा रहा है, सिगरेट व शराब पीना, यहां तक की नशीली दवाओं का सहारा लेकर वे अपने दबाव को हल्का करने की कोशिश कर रहे हैं, परन्तु इसका परिणाम उल्टा ही होगा। जबकि शेडोबाक्सिंग कसरत दबाव को हल्का करने का एक बेहद अच्छा तरीका है, इस कसरत में हिलने व न हिलने जैसी शान्त तरीकों से मन की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है, इस से शरीर में समन्वय बिठाने व शान्ति हासिल करने का मकसद प्राप्त किया जा सकता है। और तो और अनेक बुरी आदतों से भी छुटकारा दिलाया जा सकता है तथा लोगों को जीवन को हौसला मिलता है।
फिलहाल यह पुरानी परम्परा व्यायाम अधिकाधिक लोगों , यहां तक कि दुनिया के लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं। ब्रिटेन के यूगर ओसमान 18 साल तक शेडोबाक्सिंग कसरत करते आए हैं, उन्होने अपने देश के शहर में शेडोबाक्सिंग स्कूल भी खोला है, चालीस से अधिक छात्र इस प्राचीन कला को सीख रहें हैं। उन्होने कहा कि शेडोबाक्सिंग ब्रिटेन में लोकप्रिय होती जा रही हैं, यहां तक कि चीन से भी अघिक लोकप्रिय हो रही हैं। उन्होने कहा कि शेडोबाक्सिंग एक प्रफुल्लित व्यायाम है, जिसे पूरी उम्र तक किया जा सकता है। उन्होने कहा अन्य किसी कसरत की तुलना में शेडोबाक्सिंग सबसे अच्छा है। वह मन भावना को प्रफुल्लित करने, स्वस्थ्य को बढ़ाने के लिए कहीं ज्यादा अच्छा है. यह एक विचारधारा है, मुझे इस से बहुत लाभ मिले हैं, मैंने अपनी सेहत बना रखी है और मैं अधिक तन्दरुस्त और बुद्धिमान होता जा रहा हूं, मैं देखने में पहले से कहीं सुन्दर लगने लगा हूं।
इस में कोई शक नहीं है कि शेडोबाक्सिंग न केवल चीनी चिकित्सा यहां तक कि पश्चिमी औषधि से भी मेल रखकर अपनी अदभुत सहायक भूमिका निभाने में सफल रहा है। निसंदेह शेडोबाक्सिंग न केवल मार्शल आर्ट यानी उसू क्षेत्र का एक अंग है, कहीं अधिक स्वस्थ्य को बनाने, बिमारियों से बचने, आहारपोषण व बुद्धि को तीव्र करने में अपनी अभूतपूर्व भूमिका निभाता रहेगा।