2008-08-12 16:43:00

भारत का पहला स्वर्ण पदक


पेइचिंग ओलंपिक के बारे में विशेष कार्यक्रम सुनने के लिए आप का हार्दिक स्वागत । 11 अगस्त को आप भी पेइचिंग ओलंपिक की शूटिंग प्रतियोगिता में भारत द्वारा प्राप्त स्वर्ण पदक के लिए पैदा हुई अपार खुशी में शामिल हुए होंगे । हां , 11 अगस्त को सचे माइने में भारत के लिए एक अविस्मरणीय दिवस था । इस दिवस में भारतीय खिलाड़ी अभिनव बिन्द्रा ने पेइचिंग शूटिंग स्टेडियम में भारत के इतिहास में व्यक्तिगत इवेंट का प्रथम स्वर्ण पदक जीता । श्री अभिनव बिन्द्रा ने पुरूष 10 मीटर एयर राइफल में एथेन्य ओलंपिक के चैम्पियन, चीनी खिलाड़ी चु छीनान से अधिक अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक जीता । यह न केवल भारत के इतिहास में व्यक्तिगत इवेंट का प्रथम औलंपिक स्वर्ण पदक है , साथ ही पिछले 28 सालों में ओलंपिक में भारत द्वारा प्राप्त पहला स्वर्ण पदक भी है , इसलिए यह धुमधाम से खुशी मनाने काबिला बात है ।


11 अगस्त को पुरूष दस मीटर एयर राइफल इवेंट के योग्यता मैच में श्री अभिनव बिन्द्रा चौथे स्थान पर थे । लेकिन फाइनल मैच में पहले तीन शूटिंग के बाद ही वह शानदार प्रदर्शन कर योग्यता मैच में दूसरे स्थान प्राप्त मशहूर चीनी खिलाड़ी चु छीनान को पार कर आगे निकला । जब कि सातवें शूट के बाद उस का स्थान पहले नम्बर पर आया और योग्यता मैच में प्रथम स्थान पाए फनलैंड के खिलाड़ी हेंरी हाकिनेन से भी आगे निकला । हालांकि हाकिनेन और चु छीनान ने उसे पार करने की भरसक कोशिश की , फिर भी अंत में अभिनव बिन्द्रा ने 700.5 कुलांक से उन दोनों शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वियों को परास्त कर मूल्यवान स्वर्ण पदक को अपने हाथ में ले लिया ।

भारतीय मित्र की इस असाधारण सफलता पर चीनी लोगों ने जोशीली बधाई दी और फाइनल में उस के अद्भुत प्रदर्शन की भूरि भूरि प्रशंसा की । पुरस्कार रस्म के समय स्टेडियम में उपस्थित चीनी दर्शकों ने जोश से तालियां बजाते हुए और हर्षोल्लास के साथ भारतीय मित्र की विजय पर हार्दिक बधाई दी।

सुप्रसिद्ध चीनी निशानेबाज, दो बार ओलंपिक शूटिंग के चैम्पियन रह चुके श्री यांग लिंग ने भी इस भारतीय समकक्षी खिलाड़ी की सराहना कीः

मैं उसे हार्दिक बधाई देता हूं । उस ने भारत के लिए प्रथम ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता है । उस ने विश्व के तगड़े निशानेबाजों के बीच असाधारण बेहतर प्रदर्शन किया है । उस ने विश्वविख्यात चीनी खिलाड़ी, विश्व नामसूची में पहली वरीयता प्राप्त चु छी नान को भी पराजित कर दिया, सचमुच बहुत शक्तिशाली सिद्ध हुआ है ।

प्रतियोगिता के बाद श्री अभिनव बिन्द्रा ने अपनी विजय की चर्चा में कहाः

फाइनल के समय मैं बहुत अच्छी मूड में था । बेशक, मैं किस्मत का धनी भी हूं । क्योंकि मैं ने कम बहुअंक से विजय पायी है ।

भारत के लिए इस ऐतिहासिक महत्व रखने वाली चैम्पियनशिप हासिल करने के लिए श्री अभिनव बिन्द्रा ने असाधारण रास्ता तय किया है । 2000 के सिडनी ओलंपियाड में 18 साल का बिन्द्रा शूटिंग फाइनल में प्रविष्ट सभी खिलाड़ियों में सब से नौजवान था । चार साल पहले एथेन्स ओलंपियाड में कुलांक की दृष्टि से वे तीसरे स्थान पर पहुंचा था , किन्तु तकनीकी कारण से उस ने सिर्फ सातवां स्थान पाया । इस परिणाम से उसे भारी धक्का लगा । भारतीय खेल मंत्री श्री मनोहर सिंह गिल ने संवाददाताओं को बताया कि बिन्द्रा के अपने प्रयासों और उन के परिवारजनों के भरपूर समर्थन से कठिनाइयों को दूर करने में सफलता मिली है ।

उस के परिवार ने उस के निशानेबाजी खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बहुत से काम किए । पिछले साल, उस की पीठ को गंभीर चोट लगी, लेकिन वह टिक गया और सेहतमंद होने के बाद उस ने यह चैम्पियनशिप हासिल की है।

अभिनव बिन्द्रा ने अपने ठंडे दिमाग और अद्भुत प्रदर्शन का परिचय कर भारत के लिए एक नया युग आरंभ किया है , सभी लोगों की उम्मीद है कि उस की इस सफलता के आधार पर भारत का ओलंपिक खेल एक नयी मंजिल पर पहुंचेगा । भारतीय नागरिकता वाले अन्तरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के सदस्य श्री राज रंधिर सिंह खुद एक निशानेबाज थे , उन्हों ने छै बार ओलंपिक में भाग लिया । उन का मानना है कि अभिनव बिन्द्रा की सफलता भारतीय खेल इतिहास में अत्यन्त बड़ा महत्व रखती है।

इस स्वर्ण पदक ने भारत के खेल कार्य के लिए एक मील का पत्थर खड़ा कर दिया है । मैं बहुत खुश हूं , वह एक असाधारण स्वर्ण पदक है।

भारतीय खेल मंत्री श्री मनोहर सिंह गिल ने कहा कि बिन्द्रा का स्वर्ण पदक यद्यपि पहला वाला है , तथापि वह और ज्यादा भारतीय बच्चों को खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, भविष्य में भारत निश्चय ही और ज्यादा स्वर्ण पदक जीतेगा । साथ ही उन्हों ने यह भी कहा कि तकनीकी पहलु से इस पहले नम्बर को और अधिक पहले नम्बरों में बदलने के लिए भारतीय खेल जगत को चीन से सीखना चाहिए । उन का कहना हैः

हमें ज्यादा चीनी अनुभवों से सीखना चाहिए । चीन में विशेष खेल कालेज स्थापित हुआ है । मैं ने वहां के बारे में जानकारी लेने के लिए व्यक्तियों को भेजा है । मैं ने भारत स्थित चीनी राजदूत के साथ दोनों देशों के बीच खेल संबंधी आदान प्रदान पर विचार विमर्श किया है, खास कर कोचों के आदान प्रदान पर रायों का आदान प्रदान किया है। चीन ओलंपिक में इतने ज्यादा स्वर्ण पदक जीत लेता है ,इस से हम जरूर अच्छे अनुभव सीख सकते हैं । हम पहले सीखेंगे , फिर मौका पाकर चीनियों को परास्त करने की कोशिश करेंगे ।