चीन-भारत सीमा पर गतिरोध के चलते भारत में चीनी सामान के बहिष्कार के स्वर उठने लगे हैं। पर भारतीय मीडिया का कहना है कि चीनी सामान के बहिष्कार से दोनों देशों को नुकसान पहुंचेगा।
भारत की दक्षिणपंथी शक्तियों के साथ-साथ कुछ संगठन और व्यक्ति विशेष चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिए लोगों से कह चुके हैं। इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने इस बहिष्कार को आर्थिक कट्टर राष्ट्रवाद का पुनर्जागरण बताया है। इकॉनोमिक टाइम्स लिखता है कि इस तरह के अभियान चीन पर दबाव का काम करेंगे मानना गलती होगी। भारत चीनी आयात सामग्री पर निभर है इससे भारत को नुकसान उठाना पड़ेगा । चीन के सीमा शुल्क विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 में चीन का भारत में निर्यात 58.32 अरब डॉलर था। जबकि 2015 में यह 58.25 अरब डॉलर था। भारत के चीन के लिए निर्यात में 12 प्रतिशत की कमी के साथ पिछले साल 11.76 अरब डॉलर का व्यापार था। इस हिसाब से भारतीय व्यापार को 46.56 अरब डॉलर का घाटा हुआ है।
जय प्रकाश