चीन के विदेश प्रवक्ता गंग श्वांग ने 6 जुलाई को पेइचिंग में कहा कि तूंगलांग क्षेत्र हमेशा चीन की प्रादेशिक भूमि ही है । भारत ने भूटान की रक्षा करने के बहाने पर चीन की प्रादेशिक भूमि का आक्रमण करने वाली कार्यवाही का समर्थन किया है ।
प्रवक्ता ने कहा कि तूंगलांग क्षेत्र हमेशा चीन के कारगर शासन के नीचे रहता है । भारत ने तूंगलांग क्षेत्र में विवाद पैदा कर चीन और भूटान के बीच सीमा-वार्ता को रोकने की कोशिश की । हम एक बार फिर भारत से अपनी सेना को वापस बुलाने की मांग करते हैं ताकि और गंभीर घटना के घटने से बच सके ।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इस बार भारतीय सेना ने दोनों पक्षों की मान्यता प्राप्त सीमा के सिक्किम भाग को पार किया जो पहले के अनिश्चित भाग में हुए टकराव से बिल्कुल अलग है । चीन को राजनयिक माध्यम से सवाल का शांतिपूर्ण समाधान करने की उम्मीद है । लेकिन दोनों के बीच वार्ता करने की पूर्वशर्त है भारत को अपने सैनिकों को वापस बुलाना ।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चीन द्वारा तूंगलांग क्षेत्र में जो निर्माण किया वह एक प्रभुसत्ता प्राप्त देश की न्यायसंगत कार्यवाही है । लेकिन भारत के द्वारा सुरक्षा के बहाने पर जो कार्यवाही की है, वह किसी भी प्रभुसत्ता प्राप्त देश के लिए अस्वीकरणीय है ।
( हूमिन )