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    थ्येनचिन में दूसरा ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित
    2017-07-06 19:20:07 cri

    दूसरा ब्रिक्स संस्कृतियों का सम्मेलन 6 जुलाई को चीन के केंद्र शासित शहर थ्येनचिन में आयोजित हुआ। ब्रिक्स के सरकारी प्रतिनिधियों ने क्रमशः प्रमुख भाषण दिए और भविष्य में सांस्कृतिक क्षेत्र में वास्तविक सहयोग को लेकर अपनी-अपनी राय और सुझाव पेश किए। इसके साथ ही ब्रिक्स के पाँच देशों ने समान कार्यक्रम योजना पर हस्ताक्षर किए। सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधि ब्रिक्स संग्रहालय संघ, ललित-कला भवन संघ आदि सांस्कृतिक गठबंधनों की स्थापना से जुड़े दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के साक्षी बने।

    ब्रिक्स के संस्कृति मंत्रियों का सम्मेलन ब्रिक्स सहयोग के ढांचे में महत्वपूर्ण मंत्री स्तरीय सम्मेलन है। जून वर्ष 2015 में पहला ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों का सम्मेलन रूस के मॉस्को में आयोजित हुआ था। इस वर्ष जुलाई में आयोजित 7वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में《ब्रिक्स सरकारों के बीच सांस्कृतिक सहयोग संधि》पर हस्ताक्षर किये गए, जो ब्रिक्स देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग का आधार है। रूसी संस्कृति मंत्री व्लादिमीर मेडींसकी ने कहा कि इधर के वर्षों में ब्रिक्स देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग घोषणा-पत्र से वास्तविक रूप तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा:

    "सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग का सबसे उल्लेखनिय मिसाल फिल्म जगत का है। इस क्षेत्र में हमारे हरेक देश के पास गहरी और विशेष परंपरा है। इसके साथ ही विभिन्न देशों की फिल्म कला का वैश्विक अर्थ मौजूद है। हम इसी क्षेत्र में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को महत्व देते है। कुछ दिन पहले हमने चीनी साथियों के साथ कार्टून फिल्म और टीवी धारावाहिक की संयुक्त शूटिंग करने की सरकारी संधि पर हस्ताक्षर किया। इसके अलावा, दो सत्र वाले ब्रिक्स फिल्म महोत्सव का सफल आयोजन हुआ था। दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत की राजधानी छंगतु में अभी-अभी दूसरा ब्रिक्स फिल्म महोत्सव संपन्न हुआ। ब्रिक्स देशों की संयुक्त शूटिंग वाली《समय कहां गया》नाम की फिल्म ने कलात्मक योगदान पुरस्कार हासिल किया। रूस और कज़ाखस्तान की संयुक्त फिल्म《पानफ़िलोव के 28 महादुर》को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार से नवाजा गया।"

    इस वर्ष ब्रिक्स के बीच दूसरे दस वर्षीय सहयोग की शुरुआत है। ब्रिक्स सहयोग के बड़े ढांचे में मानव जाति के बहु-सभ्यता वाले महत्वपूर्ण प्रतिनिधियों के रूप में ब्रिक्स देश चाहते हैं कि सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान मज़बूत करते हुए एक दूसरे से सीखें, सांस्कृतिक आवाजाही और सहयोग को आगे बढ़ाएं, ताकि ब्रिक्स सहयोग के जनमत आधार मज़बूत हो सके।

    चीनी संस्कृति मंत्री लुओ शूकांग ने कहा कि मौजूदा सम्मेलन में ब्रिक्स पाँच देशों के प्रतिनिधियों ने विचार विमर्श करके 'ब्रिक्स सरकारों के बीच सांस्कृतिक सहयोग संधि' के कार्यान्वयन से जुड़ी कार्यक्रम योजना (2017-2020)》बनायी, जो भावी 5 सालों में ब्रिक्स देशों के बीच सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग की बड़ी योजना से जुड़ी हुई है, जिससे ब्रिक्स सांस्कृतिक आदान-प्रदान और ऊँचाई तक पहुंच सकेगा। 《कार्यक्रम योजना》संस्कृति, कला, सांस्कृतिक अवशेष, सांस्कृतिक कारोबार, पुस्तक, मीडिया, प्रकाशन, फ़ाइल, सुयोग्य व्यक्तियों के प्रशिक्षण आदि से संबंधित है। चीन संस्कृति मंत्री लुओ शूकांग ने कहा:

    "इसका उद्देश्य तीन पहलुओं से जुड़े हुए हैं। पहला, संस्कृति और कला की समृद्धि कर ब्रिक्स देशों के कलात्मक समुदायों, संस्थाओं, कारोबारों और संगठनों के बीच रणनीतिक सहयोगी साझेदार संबंध की स्थापना को आगे बढ़ाना है। दूसरा, सांस्कृतिक अवशेषों की रक्षा करते हुए इसके प्रबंधन करने वाले प्रमुख विभागों के बीच कार्य संबंध को मज़बूत करना है और तीसरा, संस्कृति उद्योग का विकास करना है। चीन विभिन्न देशों के साथ मिलकर अभिनय कला, दृश्य कला, एनीमेशन और खेल, नई मीडिया, सांस्कृतिक और रचनात्मक उत्पादों का विकास, क्रिएटिव डिजाइन और डिजिटल सामग्री के निर्माण जैसे सांस्कृतिक औद्योगिक और सांस्कृतिक व्यापार क्षेत्रों में सहयोग का विकास करना चाहता है।"

    सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स के संस्कृति मंत्री और प्रतिनिधि ब्रिक्स संग्रहालय संघ, पुस्तकालय संघ, ललित-कला भवन संघ और बाल युवा थिएटर संघ आदि सांस्कृतिक गठबंधनों की स्थापना से जुड़े दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के साक्षी बने । भारतीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि ब्रिक्स सांस्कृतिक विभागों के बीच सहयोग को मज़बूत करने से सांस्कृतिक फलों का नागरिकों को सच्चे मायने में लाभ मिलेगा। उनका कहना है:

    "मौजूदा सम्मेलन में भारत ने इन संघों की स्थापना का समर्थन किया। आधुनिक समाज में पुस्तकालय मुफ्त रूप से सूचना और ज्ञान के स्थानांतरण के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाता है। इसके साथ इससे नागरिकों के पढ़ने, लिखने और सृजन करने का स्तर भी उन्नत होगा। यह सामाजिक नवाचार का आधार है। वहीं नाटक लोगों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान पर महत्व देता है। भारत में पेशेवर नाटक स्कूल उपलब्ध हैं। संग्रहालय, सांस्कृतिक अवशेष का संरक्षण, संवर्द्धन और प्रदर्शन कर सकते हैं, जो बीते समय और आज के बीच जोड़ने का पुल है।"

    मौजूदा ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन में विभिन्न पक्षों ने एक स्वर में कहा कि ब्रिक्स ढांचे में सांस्कृतिक क्षेत्र में आदान प्रदान और इंटरएक्टिव को मज़बूत करने से ब्रिक्स के अनवरत विकास को आगे बढ़ाने में मददगार सिद्ध होगा। इसके साथ ही ब्रिक्स जनता के बीच मित्रवत भावना भी गहरी होगी। यह ब्रिक्स सहयोग और विकास के लिए महत्वपूर्ण आधुनिक अर्थ और दूरगामी ऐतिहासिक प्रभाव पड़ेगा।

    बताया जाता है कि ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों का अगला सम्मेलन अगले वर्ष दक्षिण अफ्रिका में आयोजित होगा।

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