चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 5 जुलाई को पेइचिंग में कहा कि भारत ने दूसरे देश की प्रादेशिक भूमि में घुसकर अंतरराष्ट्रीय संबंध मापदंड, जिसके प्रति वह खुद भी समर्थक है, को रौंद दिया है । भारत को चीन की प्रादेशिक भूमि से अपने सभी सैनिकों को तुरंत ही वापस बुलाना चाहिये ताकि किसी भी गंभीर घटना के घटित होने से बच सके ।
प्रवक्ता ने कहा कि यह सर्वविदित है कि सन 1950 के दशक में चीन, भारत और म्यांमार ने साथ-साथ एक दूसरे की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता का समादर करने, एक दूसरे का अतिक्रमण न करने, एक दूसरे के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप न करने, समानता व सहअस्तित्व के पांच सिद्धांतों का अनुमोदन प्रस्तुत किया था । लेकिन आज भारत ने दूसरे देश की प्रादेशिक भूमि में घुसकर अंतरराष्ट्रीय संबंध मापदंड, जिसके प्रति वह खुद भी समर्थक है, को रौंद दिया है । अगर भारत अपनी गलतियां नहीं सुधारता है, तो वह पड़ोसी देशों के साथ विश्वास कैसे बिठाएगा ?
प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय सेना ने अवैध तौर पर चीन-भारत सीमा के सिक्किम भाग को पार किया जो बहुत गंभीर घटना है । चीन एक बार फिर यह दोहराता है कि भारत को अपने सभी सैनिकों को वापस बुनाला चाहिये ताकि और गंभीर घटना से बच सके । यह समस्या का समाधान करने की पूर्वशर्त और आधार ही है । हम भारत से अपनी गलतियों को बदलने की मांग करते हैं, ताकि उसकी सीमांत सवाल का समाधान करने की ईमानदारी दिखा सके और द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए आवश्यक वातावरण तैयार कर सके ।
( हूमिन )