26 अप्रैल को चीन और रूस की सेना ने मॉस्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन के दौरान वैश्विक और क्षेत्रीय एंटी मिसाइल स्थिति पर एक संयुक्त ब्रीफिंग की।
चीन के प्रतिनिधि, चीनी सैन्य आयोग के संयुक्त स्टाफ के लड़ाकू ब्यूरो के उपाध्यक्ष छाई च्यून ने कहा कि वैश्विक एंटी मिसाइल व्यवस्था के विकास से अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण बिगड़ सकती है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के अधिकांश सदस्य इसका विरोध करते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कई बार एंटी मिसाइल मामले से संबंधित प्रस्ताव पारित किया और संबंधित देशों से इस योजना को बन्द करने की अपील की। इकतरफा विश्व में एंटी मिसाइल व्यवस्था की स्थापना करने का लक्ष्य निरपेक्ष एकतरफा सैन्य श्रेष्ठता पाना है। इससे क्षेत्रीय तनाव आगे बढ़ेगा, अंतिम रूप से विश्व और क्षेत्रीय रणनीतिक स्थिरता को नुकसान पुहंचेगा। दक्षिण कोरिया में अमेरिका की ठाड मिसाइल रक्षा व्यवस्था अमेरिका की वैश्विक एंटी मिसाइल व्यवस्था का एक कदम है। हम इसका दृढ़ता से विरोध करते हैं। चीन और रूस सुरक्षा हितों और क्षेत्रीय रणनीतिक संतुलन की गारंटी देने के लिए आगे कदम उठाएंगे।
रूस के प्रतिनिधि, रूसी सेना के प्रमुख स्टाफ के सैन्य ब्यूरो के प्रमुख उपाध्यक्ष विक्टर पोज़निहिर ने कहा कि एंटी मिसाइल स्थिति के विकास नाभिकीय निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने, रणनीतिक स्थिरता की रक्षा करने पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालेंगे। अमेरिका द्वारा स्वदेश, यूरोप और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एंटी मिसाइल व्यवस्था की स्थापना किये जाने से रणनीतिक शक्ति के संतुलन बिगड़ेगा, अंतरिक्ष गतिविधियों की सुरक्षा को खतरा पहुंचेगा और नए चरण के हथियारों की दौड़ शूरु होगी। अमेरिका द्वारा ईरान और उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे का मुकाबला करने के नाम पर एंटी मिसाइल व्यवस्था की स्थापना किये जाने से रूस और चीन की रणनीतिक सुरक्षा और विश्व रणनीतिक स्थिरता को नुकसान पहुंचेगा। रूस ने एंटी मिसाइल मामले पर समान रचनात्मक बातचीत करने की अपील की है, ताकि समान रूप से विभिन्न पक्षों के हितों के अनुकूल समाधान किया जा सके।
(वनिता)