फिलहाल अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच मुकाबले से कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति में तनाव बढ़ रहा है और युद्ध छिड़ने का खतरा भी मंडरा रहा है। इस वक्त चीन ने हालात में तनाव कम करने की कोशिश की।
24 अप्रैल को चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से इस मुद्दे को लेकर फोन पर बात की। एक दिन पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी इस मुद्दे पर भी बयान दिया था। उत्तर कोरिया के नाभिकीय सवाल पर चीनी पक्ष ने कुछ नये संकेत दिये हैं, जिन पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है।
पहला, चीन इस मुद्दे का केन्द्र नहीं है। कोरियाई प्रायद्वीप नाभिकीय मुद्दा बहुत संवेदनशील है, जो अमेरिका और उत्तर कोरिया के संबंधों के बीच है। दूसरा, कोरियाई प्रायद्वीप नाभिकीय सवाल के समाधान की चाबी चीन के हाथ में नहीं है। इस सवाल का समाधान अमेरिका और उत्तर कोरिया दोनों पर निर्भर है।
एक जिम्मेदार बड़े देश होने के नाते चीन ने इधर कुछ सालों में कोरियाई प्रायद्वीप की शांति और स्थिरता के लिए बड़ी कोशिश की। चीन को मालूम है कि कोरियाई प्रायद्वीप में युद्ध होना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। वर्तमान में कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति अत्यंत संवेदनशील और जटिल है। इस नाजुक वक्त में मनमानी करने के बजाय विवेक की जरूरत है। बल प्रयोग के बजाय शांति की जरूरत है। (वेइतुङ)