शांगहाई में २२ अप्रैल को प्रसिद्ध नाटककार मोहन राकेश( १९२५-१९७२) की कृति "आषाढ़ का एक दिन" का सफल मंचन किया गया। आधुनिक शांगहाई के इतिहास में ये पहला मौक़ा था जब किसी हिन्दी नाटक का मंचन यहाँ किया गया। अपनी मिट्टी और संस्कारों से प्रेम करने वालों के साथ हिन्दी साहित्य और रंगमंच में दिलचस्पी रखने वालों के लिए शांगहाई रंगमंच की ओर से यह पहली प्रस्तुति थी। नाटक के निर्देशक और कालिदास की भूमिका निभाने वाले श्री मुकेश शर्मा ने कहा कि "गैर हिन्दी प्रदेश के लोग जिन्होंने कभी रंगमंच के लिए काम ही नहीं किया वैसे कलाकारों के साथ संगीत नाटक अकादमी द्वारा पुरस्कृत (१९५९) नाटक के मंचन का फ़ैसला उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी । टीम के ज्यादातर सदस्य विभिन्न निजी कंपनियों में बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं ऐसे में सप्ताह के दिनों में उनके साथ सिर्फ स्काइप पर ही अभ्यास संभव हो पाता था और वो एक साथ सिर्फ सप्ताह के अंत में ही मिल पाते थे लेकिन ,सभी कलाकारों की लगन और पाँच महीने के कठिन परिश्रम की वजह से नाटक का सफल मंचन संभव हो पाया"।
आधुनिक शांगहाई के इतिहास में पहली बार हिन्दी नाटक का मंचन
2017-04-24 17:41:53 cri