23 अप्रैल को चीनी नौसेना की स्थापना की 68वीं वर्षगांठ है। इस समय पश्चिमी प्रशांत महासागर में चीनी नौसेना का एक बेड़ा सैन्याभ्यास कर रहा है, एडिन खाड़ी में जहाजरानी की सुरक्षा करने वाला 25वां बेड़ा वहां से गुजरने वाले देशी विदेशी जहाजों की सुरक्षा कर रहा है, जहाज़ पर तैनात जे-15 लड़ाकू विमान का अभ्यास जोरों पर है, पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर पर नौसेना के लड़ाकू विमान गश्त लगा रहे हैं और महासागर की गहराई में चीनी नौसेना की पनडुब्बी शांति से चल रही हैं। कहा जा सकता है कि चीनी नौसेना अधिकाधिक मीडिया की नजरों को आकर्षित कर रही है और वह विश्व स्तर की ओर बढ़ रही है।
पिछले 12 साल में चीनी नौसेना निरंतर जटिल इलैक्ट्रो-मैग्नेटिक वातावरण में अभ्यास करता रहा, जिसमें पनडुब्बी और टॉरपीडो विरोधी अभ्यास, हवाई भेदी अभ्यास, द्वीपों पर कब्ज़ा करने का अभ्यास शामिल है। इधर पाँच साल में चीनी नौसेना ने दसियों बार हथियारों के चतुर्मुखी प्रयोग का अभ्यास किया, जिनमें विभिन्न किस्मों के कई सौ मिसाइल और टॉरपीडो छोड़े गये हैं और कई लाख तोपें दागी गईं। सेना की लड़ने की क्षमता बहुत उन्नत हुई है।
दिसंबर 2008 से चीनी नौसेना ने 83 जंगी जहाज और 22000 अफ़सरों और सैनिकों को जहाजरानी की सुरक्षा के लिए बाहर भेजा।
इसके अलावा चीन का स्वनिर्मित पहला विमान वाहक जहाज पानी में उतरने वाला है, जो चीनी नौसेना के साजो सामान के उत्पादन में एक बड़ी छलांग होगी। (वेइतुङ)