तुर्की की सत्तारुढ़ पार्टी और उसके समर्थकों द्वारा समर्थन किया गया संवैधानिक संशोधन मसौदा 16 अप्रैल को आयोजित जनमत-संग्रह में पारित हुआ। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तेयप अर्दोआन ने 16 अप्रैल की रात को यह घोषणा की।
संवैधानिक संशोधन मसौदे के समर्थकों ने सड़कों पर जाकर जश्न मनाया, जबकि विपक्षी पार्टी ने कुछ मतों की फिर से गणना करने की मांग की।
तुर्की के प्रधान मंत्री बिनालिम यिल्दिरिम ने ज़ोर दिया कि संशोधन मसौदे के पारीत होने से यह ज़ाहिर है कि लोकतांत्रिक इतिहास में तुर्की ने नया अध्याय खोला है। जनमत-संग्रह में कोई हारने वाला नहीं हैं। देश के सभी लोगों को इस परिणाम को स्वीकार कर एकजुट होना चाहिए।
विपक्षी पार्टी के नेता केमाल किलीच्दारोग्लू ने कहा कि करीब आधे मतदाताओं ने इसका विरोध किया। यह इस बात का द्योतक है कि नये संविधान पर समाज में सहमति नहीं बनाई जा सकती है।
तुर्की लोकमत का मानना है कि संवैधानिक संशोधन मसौदा अर्दोआन को 2029 तक राष्ट्रपति के पद पर रहने की अनुमति देगा।
तुर्की सर्वोच्च चुनाव कमेटी ने कहा कि अंतिम मतदान परिणाम 11 से 12 दिनों में जारी किया जाएगा।
(श्याओयांग)