यूरोपीय संघ और नाटो के कई सदस्य देशों ने 11 अप्रैल को फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में एक मेमोरंडम पर हस्ताक्षर कर हेलसिंकी में यूरोपीय हाइब्रिड खतरा विरोधी केंद्र स्थापित करने का निश्चिय किया।
फिनलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन, पोलैंड, लातविया और लिथुआनिया ने इस मेमोरंडम पर हस्ताक्षर किए। यूरोपीय संघ और नाटो के संबंधित प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर रस्म में भी भाग लिया।
हाइब्रिड खतरा पारंपरिक युद्ध से कम हानिकारक खतरा है, मसलन् झूठी सूचना फैलाना और सामाजिक व्यवस्था में परेशानी पैदा करना आदि।
फिनलैंड की ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की 11 अप्रैल की रिपोर्ट के मुताबिक इस केंद्र का उद्देश्य यूरोपीय संघ की कमजोरी पर निगरानी और आकलन करना, अच्छी नीति बनाना और हाईब्रिड खतरे के मुकाबले वाले विचार को उन्नत करना है। केंद्र रणनीतिक स्तर पर वार्ता और अनुसंधान पर भी ध्यान रखेगा। इसके साथ ही हाइब्रिड खतरा विरोधी क्षमता बढ़ाने से जुड़ा प्रशिक्षण किया जाएगा, ताकि हाइब्रिड खतरा के पैदा होने से बचा जा सके।
अनुमान है कि इस केंद्र का सालाना बजट 15 लाख यूरो होगा। मुख्य देश के रूप में फिनलैंड इसमें अधिकांश धनराशि देगा।
(श्याओ थांग)