शरणार्थी मुद्दा सारी दुनिया के सामने एक बहुत गंभीर चुनौती है। इस मुद्दे का स्रोत क्षेत्रीय अस्थिरता और असमान विकास है, जिसको हल करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को शांति और स्थिरता की तलाश, समान विकास को पूरा करना, मज़बूत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ विश्व प्रशासन में सुधार की ज़रूरत है। संयुक्त राष्ट्र में स्थित चीनी उप प्रतिनिधि वू हाईथाओ ने 7 अप्रैल को यह बात कही।
उस दिन भूमध्य सागर में शरणार्थी मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की 71वीं बैठक में वू हाईथाओ ने कहा कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करते हुए राजनीतिक वार्ता से विवादों और मतभेदों का समाधान करना चाहिये। आशा है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उदारता से इन शरणार्थियों को स्वीकार करेगा। विकसित देशों को विकासशील देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रति मानवीय सहायता देने में बढ़ोतरी करना चाहिये।
उन्होंने आगे कहा कि चीन शरणार्थी मुद्दे पर काफी गंभीर है। साथ ही चीन इस मुद्दे के समाधान के लिये संबंधित देशों और सगठनों के प्रति मानवीय सहायता प्रदान करता है। वर्तमान तक चीन ने सीरियाई जनता के लिए 68 करोड डॉलर की सहायता दी है। इसके अलावा इस जनवरी में चीन ने 20 करोड़ डॉलर और देना तय किया है। हाल ही में संबंधित देशों में शरणार्थियों और विस्थापित व्यक्तियों को मानवीय सहायता का समर्थन करने के लिये चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रति 10 लाख डॉलर का अलग से दान दिया।
(हैया)