5 अप्रैल को यूरोपीय संघ ने पक्ष में 516 मतों और विपक्ष में 133 मतों की परिणाम से एक प्रस्ताव पारित किया और ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से हटने की वार्ता के लिए एक लाल रेखा लगाई।
प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर यूरोपीय संघ से हटने से पहले ब्रिटेन तीसरे देश के साथ व्यापारिक समझौते पर वार्ता करे, तो ये यूरोपीय संघ के कानून का उल्लंघन होगा। ब्रिटेन यूरोपीय संघ के अन्य सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय स्तर पर हटने की व्यवस्था या भविष्य के संबंध जैसे मामलों पर विचार-विमर्श नहीं कर सकता है।
प्रस्ताव के अनुसार औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ से हटने से पहले ब्रिटेन यूरोपीय संघ के सदस्य देश का अधिकार है, लेकिन उसे कर्तव्य निभाने की जरूरत है, जिसमें वित्तीय वचन भी शामिल है।
प्रस्ताव में स्थापित वार्ता के सिद्धांतों के अनुसार केवल ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से हटने की वार्ता में सार्थक प्रगति प्राप्त करने के बाद दोनों पक्ष संभवत:संक्रमणकालीन व्यवस्था पर विचार-विमर्श कर सकते हैं और संक्रमण काल तीन साल से अधिक नहीं होना चाहिए।
(वनिता)