ब्रिटेन व यूरोपीय संघ के अन्य देशों के लाखों लोगों ने 25 मार्च को लंदन में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से हटने का विरोध किया।
प्रदर्शनकारी लंदन के केंद्र से तीन किमी. पैदल मार्च कर संसद भवन पहुंचे। उन्होंने यूरोपीय संघ के झंडे और यूरोपीय संघ से हटना बंद करो, एक साथ ज्यादा होगा जैसी नारे लगाकर ब्रिटेन से लगातार यूरोपीय संघ में शामिल होने की अपील की।
ब्रिटेन के पूर्व उप प्रधानमंत्री निक क्लेग ने रैली में कहा कि वे जनमत सर्वेक्षण के परिणाम से बहुत दुःखी हैं। और ज्यादा दुख की बात यह है कि प्रधानमंत्री थेरेसा मई व उनकी सरकार ने रोपीय संघ से हटने का फैसला किया।
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता टिम फ़ालोन ने थेरेसा मई के कदम की निंदा की और कहा कि उनकी कार्रवाई ने केवल 5 प्रतिशत लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व किया है।
इस महीने की 13 तारीख को ब्रिटिश संसद ने मतदान के जरिए यूरोपीय संघ से हटने का प्रस्ताव पारित किया। 16 तारीख को ब्रिटिश रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये। फिर ब्रिटेन सरकार ने यह ऐलान किया कि ब्रिटेन 29 मार्च से औपचारिक तौर पर यूरोपीय संघ से हटेगा।
चंद्रिमा