दक्षिण कोरिया की यात्रा कर रहे अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने 17 मार्च को सोल में कहा कि उत्तर कोरिया के प्रति रणनीतिक सहिष्णुता की नीति खत्म हो गयी है। उत्तर कोरिया का न्यूक्लियर नाभिकीय मुद्दा छोड़ने के लिए किसी भी विकल्प पर विचार किया जाएगा।
टिलरसन ने उस दिन सोल में दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री युन ब्युंगसे के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि कूटनीति, सुरक्षा और अर्थव्यवसथा समेत सभी पक्षों से कदम उठाये जाएंगे ताकि उत्तर कोरिया से परमाणु हथियार छुड़वाए जा सकें। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया को समझना चाहिए कि नाभिकीय हथियार और बैलेस्टिक मिसाइल छोड़ने से ही राजनीतिक सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि आ जाएगी। उन्होंने कहा कि फौजी मुठभेड़ की आशा नहीं है, पर जब तक उत्तर और दक्षिण कोरिया और वहां तैनात अमेरिकी सेना के लिए धमकी बन जाता है, तब जवाबी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर कोरिया के प्रति पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की रणनीतिक सहिष्णुता नीति का मुख्य विषय है कि उत्तर कोरिया का गंभीरता से वार्तालाप करने की इच्छा दिखाने से पहले उनके साथ बातचीत करने से इंकार करने पर प्रतिबंध और दबाव बनाए रखा जाएगा।
युन ब्युंगसे ने कहा कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका का लक्ष्य है कि संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के अनुसार उत्तर कोरिया का न्यूक्लियर हथियार छोड़ने के लिए ऐसा तरीका अपनाया जाए, जो चतुर्मुखी हो, जिसकी जांच की जा सके और वापस नहीं हटाया जाए। ठाड मुद्दे पर उन्होंने कहा कि चाहे जो भी हो, अगली सरकार को कूटनीति और सुरक्षा की निरंतरता बनाए रखना चाहिए।
कोरियाई प्रायद्वीप पर टिलरसन की बात से दक्षिण कोरिया में वाद विवाद छिड़ गया है। दक्षिण कोरिया की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य तनाव बढ़ाने के किसी भी कदम का विरोध करता है। उसने उत्तर कोरिया के खिलाफ़ दबाव बनाए रखने के साथ वार्ता पर जोर दिया।
(वेइतुङ)