13 मार्च को फागुन के आते ही होली का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया, सर्दियां खत्म होने के बाद रंगों का पर्व होली मनाई जाती है। होली भारतीयों का एक बड़ा त्योहार है इस त्योहार में एक दूसरे पर लोग रंग लगाते हैं, मिठाईयां खाते हैं और अपनी खुशी को व्यक्त करते हैं। होली को पुराने गिले शिकवे भुलाकर एक दूसरे के साथ हंसी खुशी से रिश्तों की नई शुरुआत करने का भी त्योहार कहा जाता है।
मिठाईयों के साथ इस अवसर पर लोग ठंडाई भी पीते हैं, ठंडाई की तासीर ठंडी होती है जो गर्मी के दिनों में शरीर को अंदर से ठंडक प्रदान करती है।
मथुरा, वृंदावन और बरसाने की राधा कृष्ण की होली बहुत प्रसिद्ध है। दिल्ली के रहने वाले कई लोग विशेष तौर पर इस दिन मथुरा, वृंदावन जाकर विशेष होली खेलते हैं और शाम को अपने घर वापस दिल्ली आ जाते हैं। होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार के रूप में भी देखा जाता है क्योंकि हिन्दू परंपरा के अनुसार हिरणकश्यप ने अपने बेटे को विष्णु भगवान की पूजा करने के विरोध में अपनी बहन होलिका के साथ आग में बैठा दिया था, होलिका को वरदान प्राप्त था कि वो कभी नहीं जल सकती, लेकिन चमत्कारिक रूप से होलिका आग में जल के मर गई और प्रहलाद सकुशल आग से बाहर निकल आया, बाद में हिरणकश्यप को भगवान विष्णु ने नरसिम्हां का अवतार धारण कर मार डाला और धरती पर पाप का अंत हुआ, होली इसी खुशी में मनाया जाता है कि हिरणकश्यप और होलिका का अंत हुआ और प्रहलाद कुशलतापूर्वक बच गया।
पंकज श्रीवास्त्व